झज्जर के सिविल अस्पताल के सामने होता था भ्रूण लिंग जांच का अवैध धंधा, तीन गिरफ्तार

झज्जर के सिविल अस्पताल के सामने होता था भ्रूण लिंग जांच का अवैध धंधा, तीन गिरफ्तार
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झज्जर के नागरिक अस्पताल के सामने निजी अस्पताल में करते थे यह अवैध काम, दलाल सुमित ने बताया कि उसके साथ छबीली गांव का झोलाछाप चिकित्सक ढीलू तथा एक अन्य साथी प्रदीप भी शामिल है।

हरिभूमि न्यूज. झज्जर

गुप्त सूचना के आधार पर अवैध रूप से गर्भ में भ्रूण लिंग की जांच करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए स्थानीय पीएनडीटी टीम ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पीएनडीटी की नोडल आफिसर डॉक्टर ममता ने बताया कि उनके पास सीएमओ रोहतक को मिली गुप्त सूचना के आधार पर वहां की पीएनडीटी टीम भ्रूण लिंग जांच करने वाले लोगों को पकड़ने के लिए झज्जर क्षेत्र में आई है। उन्होंने बताया कि इसके बाद यहां की पीएनडीटी टीम का गठन किया गया।

जिसमें उनके अलावा डॉक्टर रवि गोदारा, पीएनडीटी डीलिंग अजय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रदीप को शामिल किया गया। रोहतक टीम के डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर राजवीर संभरवाल, पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉक्टर विकास सैनी, डॉक्टर विशाल चौधरी व जोगिंद्र के साथ संपर्क बनाकर वे तयशुदा स्थान नागरिक अस्पताल झज्जर के सामने पहुंचे। जहां पर आरोपित दलाल सुमित ने गुप्तसूचक के साथ 55 हजार रुपए में भ्रूण लिंग जांच कराने का सौदा पहले से तय किया हुआ था। डॉक्टर ममता ने बताया कि सुमित फर्जी महिला ग्राहक से रुपए लेने के बाद उसे साथ लेकर वहां स्थित ऑस्कर हॉस्पिटल के अंदर चला गया। उसने अल्ट्रासाउंड की पर्ची कटवाई तथा साथ में अपनी आईडी जमा कराते हुए महिला को उसकी भाभी बताया। थोड़ी देर में अल्ट्रासाउंड कराने के बाद सुमित ने महिला को गर्भ में लड़का होने की बात बताई।

इसके बाद उन्होंने महिला को चार रुपये वापिस देकर दलाल प्रदीप को देने की बात कही। इसके बाद इशारा मिलने पर पहले से ही तैनात पीएनडीटी ने सुमित को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसके साथ छबीली गांव का झोलाछाप चिकित्सक ढीलू तथा एक अन्य साथी प्रदीप भी शामिल है। जिसके बाद कार्रवाई करते हुए पीएनडीटी टीम द्वारा उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान आरोपित सुमित के कब्जे से 45 हजार रुपए मिले। चार हजार रुपए महिला ग्राहक के पास से बरामद किए गए जो सुमित ने प्रदीप को देने के लिए दिए थे। इसके अलावा अन्य रुपयाें की रिकवरी अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि निजी हास्पिटल के दस्तावेजों की जांच की गई जिनमें कोई गड़बडी नहीं पाई गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा नियमानुसार आगामी कार्यवाई अमल में लाई जा रही है।


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