HSSC द्वारा नापी गई हाइट को चुनौती देना उम्मीदवार को पड़ा महंगा, हाईकोर्ट ने लगाया एक लाख का जुर्माना

हरियाणा कर्मचारी चयन सी आयोग द्वारा कमांडो विंग ( ग्रुप-सी ) में पुरुष कांस्टेबल के पद के एक उम्मीदवार द्वारा आयोग द्वारा नापी गई उसकी हाइट को हाईकोर्ट में चुनौती देना महंगा पड़ गया। हाईकोर्ट ने उम्मीदवार के दावे को झूठा पाए जाने पर उसको एक लाख रुपये का जुर्माना लगाकर यह राशि अस्पताल को देने का आदेश दिया। झज्जर निवासी युवक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि उसने सामान्य श्रेणी के तहत कमांडो विंग (ग्रुप-सी) में पुरुष कांस्टेबल के पद के लिए आवेदन किया था। पिछले साल 9 जून को नापी गई उसकी ऊंचाई के लिए उस आठ अंक दिए गए। जबकि वह 10 अंकों का हकदार था क्योंकि उसकी हाइट 185 सेमी है।
कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता की सिविल अस्पताल झज्जर से अपनी हाइट मापी थी। याचिकाकर्ता को उसकी ऊंचाई के लिए अंकों के आवंटन के बारे में पता चला जब तक विस्तृत अंक अपलोड कर दिए गए थे, याची ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उसकी हाइट दोबारा जांच करवाने की मांग की। इस पर आयोग की तरफ से बताया गया कि याचिकाकर्ता की हाइट सही ढ़ंग से मापी गई थी। लेकिन, याची ने वकील ने उसकी दोबारा हाइट जांच की मांग की। इस पर हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार के पास एक लाख रुपये की राशि जमा करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कालेज और अस्पताल, सेक्टर 32 में पेश होने का आदेश दिया ,जहां डॉक्टरों का एक बाेर्ड उसकी हाइट मापेगा। कोर्ट ने साफ कर दिया था कि अगर उसकी हाइट उसकी दलील से कम मिलती है तो उसके द्वारा जमा एक लाख रुपये जीएमसीएच, सेक्टर 32 में गरीब रोगी कल्याण कोष में दे दिए जाएगे। अगर उसकी दलील के अनुसार हाइट सही मिलती है तो उसके पैसे उसे लौटा दिए जाएंगे।कोर्ट के आदेश पर कालेज के डाक्टरों की टीम ने जब याची की हाइट नापी तो वह 183.5 सेमी मिली। इस पर हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याची द्वारा जमा एक लाख रुपये जुर्माने के तौर पर जब्त करते हुए वह यह राशि जीएमसीएच, सेक्टर 32 में गरीब रोगी कल्याण कोष में जमा करवाने के आदेश दिए।
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