गैंगरेप की जांच के लिए आई पुलिस टीम पर ही केस दर्ज, दो इंस्पेक्टर समेत आठ जवान आरोपी

हरिभूमि न्यूज.अंबाला
तीन साल पहले सामूहिक दुष्कर्म के मामले की जांच के लिए आई पंचकुला पुलिस के जवानों पर मारपीट व पैसे निकालने के आरोप पाए गए। नारायणगढ़ के गांव लौटों में हुई इस वारदात की लंबी जांच के बाद यह सच सामने आया है। मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन के आदेश पर अब पुलिस ने दो इंस्पेक्टरों के साथ आठ जवानों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। गांव के कपिल ठाकुर की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है।
नामजद आरोपियों में पंचकुला पुलिस में तैनात रहे इंस्पेक्टर नवीन सहाराण, कर्मवीर सिंह, एएसआइ प्रदीप कुमार, ओम प्रकाश, हेडकांस्टेबल रविंद्र पाल, कंवरपाल, प्रविंद्र ईएचसी लखमीरा शामिल हैं। परिवादी ने आरोपियों पर मारपीट के साथ गाड़ी से 50 हजार रुपये निकालने के आरोप लगाए थे। स्थानीय पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर कार्रवाई से साफ मना कर दिया था। इसी वजह से परिवादी को मानवाधिकार आयोग के पास फरियाद लगानी पड़ी। इस संबंध में दो वीडियो भी आयोग को दी गई जिसमें मुलाजिमों द्वारा मारपीट के प्रमाण थे।
जांच के लिए टीम पहुंची थी पुलिस गांव में
पंचकुला पुलिस 2018 में एक महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की जांच कर रही थी। उस संबंध में ही जांच टीम गांव लौटों पहुंची थी। सन 2018 में सामूहिक दुष्कर्म के इस मामले में पुलिस ने 40 लोगों को आरोपित बनाया गया था। इस मामले में पीड़ित महिला के पति का नाम भी उछला था। बाद में एसआइटी ने जांच की और 21 महीने बाद एक और आरोपित को गिरफ्तार करने की कार्रवाई जारी रही। जिस आरोपित को गिरफ्तार किया गया था उसने स्वयं को पुलिसकर्मी बताकर महिला को 50 रुपये का नोट दिया था। इस नोट पर अपना मोबाइल नंबर भी लिखा था। आरोपित नारायणगढ़ का रहने वाला विष्ण् था। गेस्ट हाउस संचालक ने ही शिकायतकर्ता की मुलाकात फर्जी पुलिस कर्मी बताने वाले आरोपित विष्णु से करवाई थी।
दो पर लगा था ड्यूटी में बाधा डालने का आरोप
सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पंचकुला से टीम नारायणगढ़ के गांव लौटों में जांच के लिए पहुंची थी। उस समय टीम ने जाते समय शिव कुमार व कपिल ठाकुर पर सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने के आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया था। टीम का कहना था कि शिव व कपिल ने आरोपित विष्णु को छुड़वाने का प्रयास किया था। बाद में कपिल ने भी जांच टीम में शामिल पुलिस जवानों पर मारपीट करने व कार से 50 हजार रुपये निकालने के आरोप लगाए थे। उस समय तो कपिल की तरफ से पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुई थी लेकिन अब कार्रवाई हुई है।
मुलाजिमों पर खिलाफ शिकायत में ये लगे आरोप
गांव लौटों निवासी कपिल ठाकुर ने शिकायत में कहा कि वह दूध की डेयरी चलाता है। एक मई 2020 को नौ से 10 पुलिस कर्मचारी प्राइवेट गाड़ी में आए और उनके चाचा विष्णु को पकड़ लिया। कपिल का आरोप है कि चाचा.भतीजा दोनों की पिटाई की और दादा कुलदीप सिंह को भी धक्का देकर नीचे गिरा दिया। बाद में पुलिसकर्मी नारायणगढ़ थाने ले गए और वहां पर हमारे खिलाफ की मुकदमा दर्ज करवा दिया। इस दौरान मुलाजिम कार भी ले गए थे। वो दो दिन बाद वापस तो कर दी लेकिन उसमें रखे 50 हजार रुपये निकाल लिए। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो मानवाधिकार आयोग को शिकायत दी और साथ में एमएलआर की प्रतिलिपि और सीडी जिसमें दो वीडियो क्लिप थीए वह भी दी। इस वीडियो में मुलाजिम मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे थे।
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