कुंडली बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों की झोपड़ियों में लगी आग, सरकार पर लगाया आरोप

कुंडली बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों की झोपड़ियों में लगी आग, सरकार पर लगाया आरोप
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किसानों का कहना है कि इस प्रकार की घटना सिर्फ किसानों को उकसाने के लिए की जा रही है। ताकि किसान आवेश में आकर कोई कदम उठाएं और सरकार को बदनाम करने का मौका मिले।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

कृषि कानूनों के विरोध में कुंडली बॉर्डर पर डटे किसानों द्वारा रहने के लिए बनाई गई झोपड़ियों में बृहस्पतिवार को कुछ शरारती तत्वों ने आग लगा दी। जिससे पांच झोपड़ियां राख के ढेर में तब्दील हो गई। झोपड़ियों में आगजनी की सूचना मिलते ही किसान घटनास्थल की और दोड़े और पानी की बाल्टियों से आग पर काबू पाने का प्रयास किया। इस बीच दमकल विभाग को भी सूचना दी गई। मौके पर पहुंची दमकल विभाग की गाड़ी ने आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक पांच झोपड़ियां व उनमें रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। गनीमत रही कि आगजनी की घटना के दौरान झोपड़ियों में कोई किसान नहीं था।

किसान नेताओं ने आगजनी को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। किसानों का कहना है कि आगजनी के दौरान एक युवक को उन्होंने आग लगाते देखा है। जब तक वे उसे पकड़ते, वह आग लगाकर फरार हो गया था। किसानों का कहना है कि इस प्रकार की घटना सिर्फ किसानों को उकसाने के लिए की जा रही है। ताकि किसान आवेश में आकर कोई कदम उठाएं और सरकार को बदनाम करने का मौका मिले। किसान नेताओं ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से वे डरने वाले नहीं है। सभी किसान सरकार की इस प्रकार की साजिशों को भली-भांति समझ रहे हैं।

एसी, कूलर व जरूरत का सामान हुआ राख

कृषि कानूनों को निरस्त कराकर एमएसपी पर गारंटी की मांग को लेकर किसान साढ़े चार महीने से आंदोलनरत हैं। इस दौरान कई तरह के उतार-चढ़ाव आंदोलन में आए, लेकिन बृहस्पतिवार को धरनास्थल पर जिस तरह की घटना हुई है, वह चिंताजनक है। दोपहर के समय किसी शरारती तत्व ने किसानों की कच्ची झोंपडियों को रसोई ढाबा के पास आग के हवाले कर दिया। आग लगने ही फूंस से बनी झोंपडियां धूं-धूं कर जल उठी। जब तक किसान आग पर काबू पाते, तब तक कई झोंपडियां जलकर राख हो गई। यही नहीं इनमें रखे ए.सी., कूलर, पंखे, कपड़े व अन्य जरूरत का सारा सामान आग की भेंट चढ़ गया।

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