हरियाणा में पहले कोविड और अब ब्लैक फंगस बना नया सिरदर्द

हरियाणा में पहले कोविड और अब ब्लैक फंगस बना नया सिरदर्द
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सेहत मंत्री अनिल विज बताते हैं कि इस वक्त ग्रामीण एरिया में खास तौर पर मुहिम चलाई हुई है, ग्रामीण क्षेत्र में 13 लाख 12 हजार 461 परिवारों का सर्वे किया गया है। जिसमें 62 लाख 69 हजार 698 परिवार के सदस्यों को लेकर ब्योरा लिया जा चुका है।

हरियाणा में पहले कोविड (Covid) सभी के गले की फांस बना हुआ था, अब बचा कुचा ब्लैक फंगस ने सभी की रातों की नींद उड़ा दी है। खासतौर पर खुद गृह एवं सेहत मंत्री अनिल विज और स्वास्थ्य विभाग के विशषज्ञ भी चिंतित हैं। हालांकि राहत वाली बात यह है कि सूबे में बैड, गैर आक्सीजन, आक्सीजन वाले बैड्स की कमी नहीं है, पूर्व में वेंटिलेटर को लेकर दिक्कतें भी इस वक्त नही हैं।

सूबे के सेहत मंत्री अनिल विज बताते हैं कि इस वक्त ग्रामीण एरिया में खास तौर पर मुहिम चलाई हुई है, ग्रामीण क्षेत्र में 13 लाख 12 हजार 461 परिवारों का सर्वे किया गया है। जिसमें 62 लाख 69 हजार 698 परिवार के सदस्यों को लेकर ब्योरा लिया जा चुका है।

ग्रामीण एरिया में मंगलवार शाम तक की बात करें, तो 97,72,275 कुल स्क्रीनिंग कर ली गई है। कुल मिलकार 20 लाख 89 लाख 808 घरों का सर्वे हो चुका है। 3370 टीमें इस तरह से फील्ड में काम कर रही हैं। 5156 गांव अभी तक कवर हो गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में 1746 आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं, जिसमें 21 हजार 399 बैड का इंतजाम कर दिया गया है।

राज्य में इस वक्त मेडिकल कालेज और सरकारी अस्पतालों में 5413 वैंटीलेटर की व्यवस्था है, जिसमें 1924 खाली हैं। इसके अलावा 14 हजार 429 आक्सीजन बैड में से 9254 खाली हैं। कुल मिलाकर इस समय कोविड और ब्लेक फंगस को लेकर इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं।

ब्लैक फंगस के 64 मरीज कभी कोविड पॉजिटिव नही हुए

वहीं हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में पाए ब्लैक फंगस के 64 मरीज कभी कोविड पॉजिटिव नही हुए, उसके बाद भी इस बीमारी से पीड़ित होने के कारण और निवारण पर अधिक शोध की आवश्यकता है। विज ने एक ट्वीट में कहा कि 'हरियाणा के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 413 ब्लैक फंगस रोगियों में से 64 कभी कोरोना + वी नहीं थे, 79 मधुमेह के रोगी नहीं थे, 110 ने स्टेरॉयड नहीं लिया था और 213 ऑक्सीजन थेरेपी पर नहीं थे। म्यूकार्माइकोसिस ( ब्लैक फंगस) रोग के कारण और अधिक शोध की आवश्यकता है।' स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस पर किए अध्ययन से पता चला कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन ब्लैक फंगस के इन रोगियों में से 213 रोगियों को ऑक्सीजन की जरूरत भी नहीं थी। इसके बावजूद ऐसे रोगियों को ब्लैक फंगस होना चिंता का विषय है, जिस पर वैज्ञानिकों और केंद्र सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है।

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