25 दिसंबर तक बुलानी होगी जिला परिषद की पहली मीटिंग, दो तिहाई बहुमत के लिए 12 पार्षदों का एकजुट होना जरूरी

25 दिसंबर तक बुलानी होगी जिला परिषद की पहली मीटिंग, दो तिहाई बहुमत के लिए 12 पार्षदों का एकजुट होना जरूरी
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जिला प्रमुख बनाने को लेकर जमकर हवा में तीर चलाए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह खेमा पूरी तरह शांत नजर आ रहा है, जबकि भाजपा में ही उनका विरोधी खेमा इस पद की ताजपोशी के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है।

रेवाड़ी। जिला परिषद के चुनावों का परिणाम आए 13 दिन का समय बीत चुका है। नियमानुसार 28 दिन के अंदर जिला परिषद की पहली बैठक बुलाना जरूरी है। इस बैठक में ही जिला प्रमुख का चुनाव कराने के प्रयास किए जा सकते हैं, लेकिन अभी तक किसी के पास पार्षदों का पर्याप्त संख्या बल नहीं है। जिला प्रमुख बनाने को लेकर जमकर हवा में तीर चलाए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह खेमा पूरी तरह शांत नजर आ रहा है, जबकि भाजपा में ही उनका विरोधी खेमा इस पद की ताजपोशी के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है।

पहली मीटिंग में ही जिला प्रमुख का चुनाव करने के लिए दो तिहाई बहुमत वाला खेमा अपने पक्ष का जिला प्रमुख बना सकता है। इस मीटिंग के लिए अब दो सप्ताह का समय ही बचा है। जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से अभी तक मीटिंग की डेट फाइनल नहीं की गई है। जिस तरह से चुनाव परिणाम आने के बाद 11 पार्षद सीधे राव इंद्रजीत सिंह का आशीर्वाद पाने के लिए पहुंच गए थे, उससे यह साफ हो गया था कि इस बार भी जिला प्रमुख बनाने में बाजी राव के हाथ ही रहेगी। इसके बाद राव विरोधी भाजपा के दूसरे खेमे ने पार्षदों से संपर्क बढ़ाना शुरू कर दिया था। राव विरोधी खेमा इस बार जिला प्रमुख बनाने के खेल में राव को हर हाल में मात देने के प्रयास कर रहा है। सूत्रों के अनुसार यह खेमा राव को मात देने के लिए कांग्रेस से भी हाथ मिलाने में कोई गुरेज नहीं करेगा। इस खेमे में भाजपा के कई कद्दावर नेता शामिल हैं, जो जिला प्रमुख बनाने के खेल में कई बार राव के हाथों मात खा चुके हैं। पहली मीटिंग में जिला प्रमुख बनाने के लिए 12 पार्षदों का एकमत होना जरूरी है। बात नहीं बनने की स्थिति में दूसरी मीटिंग में 10 पार्षदों का बहुमत जिला प्रमुख बनाने में अपना काम करेगा।

खरीद-फरोख्त की अटकलों का बाजार गर्म

जिला प्रमुख बनाने की होड़ के चलते पार्षदों की खरीद-फरोख्त की अटकलों का बाजार भी गर्म होने लगा है। चर्चा है कि पार्षदों का बहुमत बनाने के लिए धन का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए कुछ पार्षदों को सेट भी कर लिया गया है, लेकिन इन अटकलों की सच्चाई बाहर आने में अभी समय लग सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि अभी तक जिला प्रमुख बनाने में सामान्य वर्ग के 6 पुरुष पार्षदों में से किसी का नाम खुलकर सामने नहीं आया है। खुद को दावेदार मानकर चल रहे पार्षदों ने भी अब चुप्पी साध ली है।

ईवीएम से चुनाव कराने की तैयारी

प्रदेश के निर्वाचन आयोग की ओर से जिला परिषद और ब्लॉक समितियों के प्रधान और उपप्रधान का चुनाव ईवीएम से कराने का निर्णय लिया गया है। यह काफी महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है। पहले बैठकों में सर्वसम्मति नहीं बनने की स्थिति से पर्ची के माध्यम से चुनाव कराए जाते रहे हैं। अब आयोग की ओर से ईवीएम के माध्यम से ही चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है, जिससे चुनाव प्रक्रिया काफी आसान होती नजर आने लगी है। इस निर्णय के बाद जिला प्रमुख बनाने की होड़ में शामिल कई दिग्गजों को झटका लग सकता है।

जल्द घोषित होगा कार्यक्रम

जिला परिषद और ब्लॉक समितियों की पहली मीटिंग का कार्यक्रम जल्द घोषित कर दिया जाएगा। चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के चुनाव आयोग के निर्देशानुसार कराए जाएंगे। - अशोक कुमार गर्ग, जिला निर्वाचन अधिकारी।

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