जापानी कंपनी के सहयोग से स्थापित प्रदेश का पहला सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट शुरू, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया उद्घाटन

हरिभूमि न्यूज : फतेहाबाद
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Cm Manohar Lal) ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये फतेहाबाद के पपीहा पार्क में जापानी कंपनी डायकी-एक्सिस इंडिया के सहयोग से स्थापित किए गए 10 केएलडी एसटीपी प्लांट का उद्घाटन किया। इस सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर 21 लाख रुपये की लागत आई है और यह प्रदेश का पहला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट है, जो इस कंपनी के सहयोग से लगाया गया है।
मुख्यमंत्री ने फतेहाबाद के नागरिकों को बधाई देते हुए कहा कि यह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में स्थापित हुआ है। राज्य सरकार जल संरक्षण व पानी के पुन: उपयोग के लिए इसका अध्ययन करके प्रदेश-भर में इस तरह के प्रोजेक्ट लगाने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य सरकार ने 25 प्रतिशत पानी के पुन: उपयोग (रि-यूज वाटर) का लक्ष्य रखा है और बागवानी, उद्योगों व थर्मल प्लांटों में यह योजना कारगर सिद्ध हो रही है। अगले वर्ष 60 प्रतिशत पानी का पुन:उपयोग किया जाएगा। इसके लिए बजट की व्यवस्था कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि पानी आज पूरी दुनिया में चिंता का विषय बना हुआ है। बढ़ती आबादी और उद्योगों के दबाव के कारण पानी की आवश्यकता दिनोंदिन बढ़ रही है। परन्तु उपलब्ध पानी सीमित मात्रा में है। हमें पानी की कमी को पूरा करने के लिए इस प्रकार के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने होंगे। हम किस प्रकार से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते हैं, इसके लिए प्रयास करने होंगे।
मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने जल संरक्षण और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। प्रदेश में अलग-अलग तकनीकों पर काम हो रहा है। फतेहाबाद में स्थापित किया गया सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एक नया प्रोजेक्ट है। इसमें नई तकनीक इस्तेमाल की गई है, जिसका हम भविष्य में लाभ उठाएंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि जापानी कंपनी के साथ हम अपने लक्ष्य को बढ़ाएंगे और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर मिलकर कार्य करेंगे। कंपनी को इस प्रकार के कार्यों के लिए हरसंभव सहायता दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पानी के प्रबंधन पर जोर दे रही है। धान की फसल में ज्यादा पानी की खपत को देखते हुए प्रदेश में 'मेरा पानीे-मेरी विरासत' योजना के तहत फसल विविधिकरण अपनाने पर किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। प्रदेश की 94 हजार एकड़ भूमि पर लोगों ने फसल विविधिकरण को अपनाया है, जिससे जल संरक्षण में काफी लाभ पहुंचा है। इसी तरह, केंद्र सरकार की अटल भूजल योजना और पानी की बर्बादी रोकने के लिए जल जीवन मिशन के तहत विस्तृत योजना बनाकर काम किया जा रहा है। डार्क जोन में पानी के दोहन को रोकने के लिए अथॉरिटी बनाई गई है और जल संरक्षण बारे जनता को जागरूक किया जा रहा है।
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