10 सालों में पहली बार दिसम्बर-जनवरी में बरसात न होने से बिजली-पानी की डिमांड बढ़ी

सुरेन्द्र असीजा/फतेहाबाद। पश्चिमी विक्षोभ के न आने से इस बार दिसम्बर व जनवरी महीने में अब तक बिलकुल बारिश नहीं हुई। बारिश न होने से लगातार सूखी ठंड व धुंध पड़ रही है। इस कारण बिजली व पानी की डिमांड बढ़ गई है। ऐसा 10 सालों बाद हुआ है। प्रदेश में पिछले 15 दिनों में करीब 3 करोड़ यूनिट प्रतिदिन बिजली की डिमांड में इजाफा हुआ है। मौसम विभाग ने 11 जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की उम्मीद जताई है, जिस कारण प्रदेश में बारिश व बूंदाबांदी की भविष्यवाणी की गई है।
इस बार 19 दिसम्बर तक दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहा। 20 दिसम्बर से धुंध पड़नी शुरू हो गई, जिसके बाद लगातार तापमान में गिरावट आती गई। 21 दिसम्बर से लगातार प्रदेश में धुंध पड़ रही है, जिस कारण ठंड नए रिकार्ड बना रही है। प्रदेश का न्यूनतम तापमान 0.9 डिग्री से 3.5 डिग्री के बीच घूमता रहा। ऐसा 10 सालों बाद हो रहा है कि प्रदेश में पूरा दिसम्बर बीत गया और जनवरी के 10 दिन बीत जाने के बावजूद बारिश नहीं हुई। बारिश न होने से रबी फसलों को पूरी खुराक नहीं मिल पाई। हालांकि गेहूं के लिए धुंध ने खाद का काम किया। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ का असर कम रहने के कारण बरसात नहीं हुई और धुंध पड़ती रही। अब बरसात होती है तो गेहूं में फुटाव अच्छा होगा और उत्पादन भी काफी बेहतर होगा। बरसात न होने से सरसों व चने की फसल में बढ़वार रूक जाती है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार लगातार धुंध पड़ना गेहूं के लिए फायदा है।
बिजली न मिलने से डीजल पम्पों से की सिंचाई
दिसम्बर-जनवरी में किसानों को गेहूं में सिंचाई नहीं करनी पड़ती थी। बरसात के कारण किसानों को बिजली व पानी दोनों की बचत हो जाती थी। इस बार धुंध पड़ने से खेती के लिए बिजली कम मिली, जिस कारण किसानों ने डीजल से पम्पसैट चलाकर खेतों में सिंचाई की। इससे किसानों की लागत भी बढ़ गई।
प्रदेश में 25 दिसम्बर तक 13 करोड़ 50 लाख यूनिट प्रतिदिन बिजली की डिमांड थी। अत्याधिक ठंड पड़ने व बरसात न होने से खेतों में भी सिंचाई के लिए बिजली की जरूरत थी और घरेलू जरूरतों को लेकर बिजली की डिमांड बढ़ी। अब प्रतिदिन प्रदेश में 16 करोड़ यूनिट की डिमांड है। डिमांड के अनुसार बिजली सप्लाई की जा रही है। -संदीप मैहता, कार्यकारी अभियंता, डीएचबीवीएन
आज से पश्चिमी विक्षोभ के चलते बूंदाबांदी के आसार
हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ. खीचड़ के अनुसार दिसम्बर व जनवरी में पश्चिमी विक्षोभ न आने से बरसात नहीं हो सकी। इस बार पश्चिमी विक्षोभ का असर मैदानी इलाकों की बजाय पहाड़ी इलाकों में दिखा। 11 जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ से राज्य के उत्तरी तथा उत्तर पश्चिमी जिलों में देर रात्रि या 12 जनवरी को कहीं कहीं बूंदाबांदी या हलकी बरसात की संभावना है।
बरसात न होने व बिजली की कमी के चलते इस बार गेहूं बिजाई का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो सका। बीते वर्ष जिले में 1 लाख 83 हजार 400 हैक्टेयर भूमि पर गेहूं व 25 हजार 120 हैक्टेयर भूमि पर सरसों की बिजाई की गई थी। इस बार जिले में अब तक 1 लाख 82 हजार 570 हैक्टेयर भूमि में गेहूं की व 23 हजार 550 हैक्टेयर में सरसों की बिजाई हुई है। धुंध गेहूं के लिए बरसात का ही काम कर रही है जबकि किसानों को सरसों में हल्की सिंचाई की जरूरत है। - डा. राजेश सिहाग, डीडीए फतेहाबाद
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS