मानसून सत्र के दूसरे दिन हरियाणा विधानसभा में पांच विधेयक पारित, जानिये पूरी डिटेल

चण्डीगढ़। हरियाणा विधान सभा के मानसून सत्र के दौरान सोमवार को पांच विधेयक पारित किए गए, जिनमें हरियाणा नगर पालिका क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख सुविधाओं व अवसंरचना का प्रबंधन विशेष उपबंध संशोधन विधेयक 2021, महर्षि बाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल संशोधन विधेयक 2021, हरियाणा लोकायुक्त संशोधन विधेयक 2021, हरियाणा उद्यम प्रोन्नति द्वितीय संशोधन विधेयक 2021 और पंडित लख्मीचंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय रोहतक संशोधन विधेयक, 2021 शामिल हैं।
हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख-सुविधाओं व अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2021
यह विधेयक हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख-सुविधाओं व अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध)अधिनियम, 2016 को आगे संशोधित करने के लिए पारित किया गया है।अधिनियम, 2016 नागरिक सुख-सुविधा अपूर्ण क्षेत्रों में आवश्यक सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अधिनियमित किया गया था लेकिन अधिनियम की धारा 3 के प्रावधान कुछ व्यावहारिक कठिनाइयाँ प्रस्तुत कर रहे थे। 'प्रावधान के अनुसार जहां केवल 31 मार्च, 2015 से पूर्व प्लाट का 50 प्रतिशत से अधिक का निर्माण हुआ है, अधिनियम के अधीन अर्हक के रूप में माना जाना है। चूंकि ऐसे अपूर्ण क्षेत्र तथा उनका अस्तित्व में आना एक सतत प्रक्रिया है। इसलिए यह प्रावधान कतिपय मामलों में कठिनाई पेश करता है।'
इसलिए, इस प्रावधान में अपेक्षित सुधार करने के लिए अधिनियम में संशोधन करना आवश्यक हो गया था। अधिनियम की धारा 4 (1) में अधिनियम के अधीन नागरिक सुख-सुविधाओं में अपूर्णता की समस्या के सम्बन्ध में अधिनियम के प्रारम्भ से पांच वर्षों के लिए विंडो मुहैया कराने के लिए प्रावधान किया गया है। पुन:, जैसे कि ऐसे अपूर्ण क्षेत्र तथा उनका अस्तित्व में आना एक सतत प्रक्रिया हैं, इसलिए यह प्रावधान भी कतिपय मामलों में कठिनाई पेश करता है। अत: इस प्रावधान की समय सीमा को पूरी तरह से हटाकर सुधार की आवश्यकता थी।
महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल (संशोधन) विधेयक, 2021
यह विधेयक महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय,कैथल अधिनियम, 2018 को आगे संशोधित करने के लिए पारित किया गया है। इस अधिनियम को महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल (संशोधन) विधेयक, 2021 कहा जाएगा। महर्षि बाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल अधिनियम, 2018 (2018 का अधिनियम संख्या 20) उच्च शिक्षा में क्षमता के विस्तार और उसमें संस्कृत भाषा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल के पूरक के लिए अधिनियमित किया गया था। राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना महर्षि बाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल के नाम पर की गई थी। लेकिन यह देखा गया कि हिन्दू पौराणिक कथाओं में महर्षि वाल्मीकि का नाम महर्षि बाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल में प्रयुक्त नाम से भिन्न है। इस प्रकार, अब विश्वविद्यालय के नाम को महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल के रूप में पढ़ा जाना चाहिए।
हरियाणा लोकायुक्त संशोधन विधेयक 2021
हरियाणा लोकायुक्त अधिनियम 2002 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक 2021 पारित किया गया है। हरियाणा लोकायुक्त अधिनियम 2002 के अनुसार धारा 6 की उप धारा (4) में लोकायुक्त के नियम और शर्तें इस प्रकार हैं। ''लोकायुक्त को भुगतान योग्य वेतन, भत्ते तथा सेवा की अन्य शर्तें वहीं होंगी जो समय-समय पर उच्चतम न्यायालय के पीठासीन न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश, जैसी भी स्थिति हो, को उसके द्वारा धारण किये गये पद के अनुसार उपलब्ध हो। परन्तु लोकायुक्त को उपलब्ध वेतन, भत्ते तथ अन्य सुविधाएं सौदेबाजी वाले नहीं होंगे। परन्तु यह और कि लोकायुक्त को भुगतानयोग्य भत्ते तथा सेवा की अन्य शर्तें, उसकी नियुक्ति के बाद, उसके अहित में परिवर्तित नहीं की जाएंगी।'' किन्तु भारत सरकार द्वारा अधिसूचित लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा 7 में निहित प्रावधानों की समीक्षा उपरान्त पाया गया कि पेंशन के परिवर्तित हिस्से सहित देय पेंशन की राशि को कम किया जा सकता है, इसलिए हरियाणा लोकायुक्त अधिनियम, 2002 की धारा 6 की उप-धारा (4) को निम्रलिखित उप-धारा से प्रतिस्थापित किया गया है।''(4) लोकायुक्त के वेतन, भत्ते और सेवा की अन्य शर्तें ऐसी होंगी, जो अपनी पूर्व सेवा के लिए पहले से प्राप्त की जा रही संरक्षित पेंशन, यदि कोई हो, सहित पेंशन घटाते हुए उस द्वारा धारित पद के अनुसार उच्चतम न्यायालय के किसी आसीन, न्यायाधीश अथवा उच्च न्यायालय के आसीन मुख्य न्यायाधीश अथवा न्यायाधीश, जैसी भी स्थिति हो, को समय-समय पर, यथा लागू हों। परन्तु लोकायुक्त को उपलब्ध वेतन, भत्ते तथा अन्य सुविधाएं सौदेबाजी वाले नहीं होंगे और परन्तु यह और कि लोकायुक्त भुगतान योग्य भत्ते और सेवा की अन्य शर्तें उसकी नियुक्ति के बाद, उसके अहित में परिवर्तित नहीं की जाएंगी। इसलिए यह विधेयक पारित किया गया है।
हरियाणा उद्यम प्रोन्नति द्वितीय संशोधन विधेयक, 2021
यह विधेयक हरियाणा उद्यम प्रोन्नति अधिनियम, 2016 में और संशोधन करने के लिए पारित किया गया है। राज्य सरकार ने हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन अधिनियम, 2016 अधिनियमित किया था ताकि राज्य में सेवाएं/अनुमति/अनुमोदन/पंजीकरण/लाइसेंस समय-सीमा के तहत सिंगल रूफ मैकेनिज्म के माध्यम से प्रदान करके राज्य में परियोजनाओं के शीघ्र कार्यान्वयन से निवेशकों की सहायता के लिए नियामक ढांचे का सरलीकरण किया जा सके । राज्य सरकार ने 29 दिसम्बर, 2020 का 'हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति, 2020' नामक नई औद्योगिक नीति अधिसूचित की, जो 1 जनवरी, 2021 से 31 दिसम्बर, 2025 तक प्रभावी है। निवेशक पर नियामक बोझ को कम करने और कारोबार की सहुलियत में हरियाणा को मजबूत करने के लिए नीति के अध्याय 5 के तहत एमएसएमई को 15 दिनों के भीतर सभी आवश्यक व्यावसायिक मंजूरी देने एवं इसके बाद एचईपीसी पोर्टल पर स्वचालित डीम्ड क्लीयरेंस का प्रावधान करने, व्यवसाय शुरू करने की तिथि से 3 वर्ष की अवधि के लिए कोई निरीक्षण नहीं किये जाने और एमएसई के बकाया भुगतान को भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल किए जाने के लिए हरियाणा सूक्ष्म, लघु उद्यम सुविधा परिषदï् (एचएमएसईएफसी) के नियमों में प्रावधान करने जैसे सुधारों को लागू करने के लिए हरियाणा उद्यम संवर्ध नियम, 2016 में संशोधन करने की आवश्यकता थी। नियमों में आवश्यक संशोधन के साथ आगे बढऩे से पहले, हरियाणा उद्यम संवर्धन अधिनियम, 2016 की परिभाषा खंड में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की परिभाषा को जोडऩे की आवश्यकता थी, जिसके लिए हरियाणा उद्यम संवर्धन अधिनियम, 2016 में संशोधन की आवश्यकता थी। अत: हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन अधिनियम, 2016 की धारा-2 में संशोधन किया गया है।
पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय रोहतक (संशोधन) विधेयक, 2021
यह विधेयक पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय रोहतक अधिनियम, 2014 को आगे संशोधित करने के लिए पारित किया गया है। पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक की स्थापना सरकारी तकनीकी संस्थान (एस) सोसाइटीज, रोहतक जिसमें चार संस्थान अर्थातï् राज्य फाइन आट्र्स संस्थान, राज्य डिजाइन संस्थान, राज्य फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान और राज्य शहरी योजना एवं वास्तुकला संस्थान शामिल थे, के एकीकृत परिसर को अपग्रेड करके हरियाणा राज्य विधानसभा (2014 के अधिनियम 24) के एक अधिनियम द्वारा डिजाइन, फाइन आट्र्स, फिल्म एवं टेलीविजन और शहरी योजना एवं वास्तुकला और इनसे जुड़े क्षत्रों में उत्कृष्टïता प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ उच्च शिक्षा के उभरते क्षेत्रों में अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक अग्रणी विश्वविद्यालय के रूप में की गई थी। यह चार संस्थान एमडीयू विश्वविद्यालय, रोहतक से सम्बद्घ थे और 240 विद्यार्थियों के वार्षिक दाखिले के साथ वर्ष 2011 में शुरू हुए थे। राज्य सरकार ने शिक्षण एवं प्रशासन ब्लॉक, हॉस्टल, गेस्ट हाउस, स्टाफ रेंजीडेंसी इत्यादि के निर्माण के लिए 35.97 एकड़ भूमि प्रदान की और संस्थानों को शत-प्रतिशत सहायतानुदान प्रदान कर रही है। पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय रोहतक शहर के केन्द्र में स्थित है और राष्टï्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पड़ता है। विश्वविद्यालय प्रदर्शन एवं दृश्य कला के क्षेत्र में देश के अग्रणी विश्वविद्यालय में से एक के रूप में उभर रहा है और इसलिए पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय (पी.एल.सी.एस.यू.पी.वी.ए.), रोहतक को फिल्म निर्माण एवं अभिनय का एक विशेष संस्थान बनाने के लिए सरकार ने कुलपति की नियुक्ति के लिए प्रस्तावना और पात्रता मानदंड में बदलाव का निर्णय लिया है। उक्त के मद्देनजर कुलपति, पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक की नियुक्ति के लिए प्रस्तावना और पात्रता मानदंड में बदलाव करने का यह निर्णय लिया गया है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS