खास है यह कटड़ा : पांच महीने का पटवारी पांवों में पहनता है चांदी की छलकड़ी, बड़े-बड़े झाेटों पर पड़ा भारी

खास है यह कटड़ा : पांच महीने का पटवारी पांवों में पहनता है चांदी की छलकड़ी, बड़े-बड़े झाेटों पर पड़ा भारी
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भिवानी के पशु मेले में गांव सैय के पशुपालक अपने पांच माह के कटड़े जिसका नाम पटवारी है को लेकर पहुंचे तो देखने वालों की भीड़ लगी। पटवारी के पैरों में चांदी की छलकड़ी उसकी और भी शोभा बढा रही है।

हरिभूमि न्यूज : भिवानी

भिवानी में शुरू हुई 38वीं राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी में पटवारी को देखने के लिए भीड़ पहुंचे, यह तो हर किसी को अटपटा जरूर लगेगा, लेकिन यह नजारा पशु प्रदर्शनी में देखने को मिला। पशु प्रदर्शनी में गांव सैय के पशुपालक अपने पांच माह के कटड़े जिसका नाम पटवारी है को लेकर पहुंचे तो देखने वालों की भीड़ लगी। पटवारी के पैरों में चांदी की छलकड़ी उसकी और भी शोभा बढा रही है। पटवारी की कद- काठी देखकर हर व्यक्ति उसकी तरफ आकर्षित हो रहा था। पशु प्रदर्शनी में पहुंचे पशुपालक बड़े झोटों की बजाए साढे पांच माह के पटवारी (कटड़े) को देखने के लिए लालायित नजर आई। उल्लेखनीय है कि पांच माह का पटवारी कटड़ा अब से पहले की प्रतियेागिता में प्रदेश में तीसरे नम्बर पर आ चुका है।


गांव में पटवारी का सबसे बड़ा ओहदा

पशुपालक ने बताया कि गांव में पटवारी का सबसे बड़ा ओहदा होता है। हर व्यक्ति पटवारी को बड़ा मानता है। उनके गांव में भी पटवारी को बड़ा मानते है और कोई उनका सम्मान करता है, लेकिन उनके घर में कटड़े का नाम पटवारी रखा गया। क्योंकि यह उनका ही नहीं,बल्कि आसपास के पड़ौसियों का भी लाडला है। उन्होंने प्यार में कटड़े का नाम पटवारी रख दिया। उसके बाद से सभी लोग कटड़े को पटवारी के नाम से जानने लगे हैं।

भैंस का सारा दूध पटवारी को पिलाया जाता है

पशुपालक ने बताया कि उनके साढे माह के कटड़े को दूध पिलाते हैं। फिलहाल कटड़े की मां के जितना दूध देती है। कटड़ा उतना ही दूध पी लेता है। इसके अलावा वे कटड़े को मिक्स अनाज आदि भी देते है। उन्होंने बताया कि कटड़े को रोजाना शैम्पू से नहलाया जाता है। उसके बाद उसको तेल की मालिश आदि भी की जाती है। ताकि उसके शरीर की चमड़ी पर कोई रोग आदि न लगे।

दोनों पैरों में पहनी चांदी की छलकड़ी

भले ही छलकड़ियों से लोग अनभिज्ञ हों, लेकिन पशु मेले में पटवारी नाम के कटड़े के पैरों में छलकड़ी देखकर हर कोई उनके बारे में जानने का उत्सुक नजर आया। चूंकि आज का तबका छलकड़ियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखता। जिसके चलते पशु प्रदर्शनी में पहुंचे कटड़े के अगले पैरो में चांदी की छलकड़ियों को हर कोई देख रहा था।

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