लोगों के लिए खुशखबरी : जींद नागरिक अस्पताल में फ्लोरोसिस लैब की शुरुआत

जींद। जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में फ्लोरोसिस लैब की शुरूआत हो गई है। जिले में पीने का पानी स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। नागरिक अस्पताल में शुरू हुई फ्लोरोसिस लैब से इसका खुलासा हुआ है। फिलहाल जिले में तीन जगह से ही सैंपल लेकर इसकी जांच की गई है। इस पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक पाई गई है। पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। नागरिक अस्पताल के पानी में ही सात पीपीएम तक फ्लोराइड की मात्रा पाई गई है।
अब पूरे जिले के चिकित्सकों, आशा वर्करों तथा अन्य कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए लैब प्रभारी डा. रमेश पांचाल तीन दिन हैदराबाद में ट्रेनिंग लेने के लिए पहुंचे हैं। वह वापस लौटकर अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को भी इसकी ट्रेनिंग देंगे ताकि पानी की दशा को सुधारा जा सके।च्च्नागरिक अस्पताल में एक सप्ताह पहले ही फ्लोरोसिस लैब शुरू हुई है। फिलहाल लैब में पूरी तरह से संचालित नहीं किया गया है। इसमें अभी तक जनस्वास्थ्य विभाग तथा नागरिक अस्पताल के पानी की जांच की गई है।
नागरिक अस्पताल के पानी में फ्लोराइड की मात्रा सात पीपीएम तक पाई गई है, जबकि मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए एक पीपीएम फ्लोराइड तक होनी चाहिए। इससे कम फ्लोराइड के कारण भी स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। फ्लोराइड अधिक होने से दांत खराब हो जाते हैं। हड्डियां कमजोर होती हैं तथा बच्चों की पाचन क्रिया प्रभावित हो जाती है। नागरिक अस्पताल में एक वर्ष पहले स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने इस लैब का उद्घाटन किया था लेकिन लैब अभी शुरू हो पाई है।
इस लैब की पूरी प्रक्रिया तथा इसका कैसे प्रभावी प्रयोग किया जाए, इसके लिए इसके इंचार्ज एवं डिप्टी सिविल सर्जन डा. रमेश पांचाल हैदराबाद में तीन दिन की ट्रेनिंग के लिए गए हैं। इसके बाद वह यहां सभी चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों व आशा वर्करों को भी इसकी ट्रेनिंग देंेगे। इसके बाद ही इस लैब का लाभ लोगों तक पहुंच सकेगा। डा. रमेश पांचाल ने कहा कि अस्पताल में लैब शुरू हो गई है। इसकी पूरी प्रक्रिया तथा इसका अधिक से अधिक लाभ कैसे उठाया जाए, इस बारे में 22 से 24 नवंबर तक हैदराबाद में ट्रेनिंग हो रही है। इसमें देश के सात रा'यों से लैब इंचार्ज आए हुए हैं। इसके बाद अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मचारियों को भी इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी तथा जिले के हर गांव, हर कस्बे के पानी की जांच की जाएगी।
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