पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला क्यों बाेले, मैं फांसी की सजा के लिए भी तैयार

पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला क्यों बाेले, मैं फांसी की सजा के लिए भी तैयार
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इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला पलवल और गाजीपुर बार्डर पर आंदोलनरत किसानों को समर्थन देने पहुंचे। उन्होंने कहा कि 32 सौ बच्चों को नौकरी देने के लिए दस साल की सजा हुई अबकी बार इनेलो की सरकार बनने पर हर पढ़े-लिखे बच्चे को नौकरी देंगे, इसके लिए चाहे फांसी टूटना पड़े।

चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला मंगलवार को अपने निर्धारित प्रोग्राम के तहत पलवल और गाजीपुर बार्डर पर तीनों ककृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों को समर्थन देने पहुंचे। चौटाला ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह लड़ाई केवल किसान और मजदूर की नहीं है बल्कि समूचे राष्ट्र की लड़ाई है आज पूरे विश्व की निगाह आंदोलनरत किसानों के संघर्ष और जुझारूपन पर टिकी है। यह किसान आंदोलन तीन गलत कृषि कानूनों की वजह से है और पूरे देश के छतीस जात के लोग इस आंदोलन से जुड़े हैं। भाजपा सरकार जनता को जात-पात और धर्म के नाम पर बांटने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि उन पर झूठा इल्जाम लगा कि उन्होंने गलत लोगों को नौकरी दी और दस साल की सजा हुई लेकिन नौकरी वाले तो तरक्की कर गए और नौकरी दिलाने वाला सजा पर सजा काटता रहा। उन्होंने कहा कि 32 सौ बच्चों को नौकरी देने के लिए दस साल की सजा हुई अबकी बार इनेलो की सरकार बनने पर हर पढ़े-लिखे बच्चे को नौकरी देंगे, इसके लिए चाहे फांसी टूटना पड़े। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी वोटों की राजनीति नहीं करेगी और प्रदेश के सभी बच्चों को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी देंगे चाहे वो हमें वोट दे या न दे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जो गलत कानून बने हैं वो निश्चित रूप से बदले जाएंगे और इन गलत कानूनों को बनाने वाली सरकार का भी पतन होगा। उन्होंने धरने पर बैठे किसानों के लिए वाटर कूलर और चार एयर कूलर भी दिए।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के गलत निर्णयों और नीतियों की वजह से देश के लोगों का जीना दूभर हो गया है। भाजपा सरकार की एक ही नीति है कि ऐसे कानून बनाओ जिससे किसानों से उनकी जमीन छीन कर अडानी और अंबानी जैसे बड़े घरानों का कब्जा हो। उन्होंने कहा कि जब इनेलो का राज आया था तो उन्होंने काम के लिए लोगों को सरकार के पास चक्कर काटने जैसी परंपरा को बदल दिया था तब 'सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत सरकार स्वयं लोगों तक पहुंच कर समस्याओं को सुनती थी और उनका मौके पर निपटारा करती थी। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश के एक-एक गांव में जाकर एक-एक व्यक्ति से मिलेंगे।

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