Former CM भूपेंद्र हुड्डा बोले : किसानों को कागजों में मुआवजा देकर अपनी पीठ थपथपा रही गठबंधन सरकार

Former CM भूपेंद्र हुड्डा बोले : किसानों को कागजों में मुआवजा देकर अपनी पीठ थपथपा रही गठबंधन सरकार
X
  • एसवाईएल के मसले को उलझाने और लटकाने के लिए हिमाचल रूट की बात कर रही सरकार
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करवाने पर क्यों नहीं जोर दे रही सरकार

Haryana : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hudda) ने सहकारी बैंकों द्वारा किसानों से फसली लोन पर ब्याज वसूली किए जाने को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज करवाते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान फसली लोन पर किसानों को राहत देते हुए इसे जीरो कर दिया गया था। किसानों पर पड़ने वाले बोझ को सरकार खुद वहन करती थी और किसानों से कोई ब्याज नहीं लिया जाता था। लेकिन मौजूदा सरकार ने ब्याज में राहत की इस योजना को रिन्यू नहीं किया। इस वजह से बैंकों ने किसानों से ब्याज की वसूली शुरू कर दी।

उन्होंने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार बिना देरी के कांग्रेस द्वारा लागू की गई योजना को रिन्यू करे। अब तक जिन किसानों से ब्याज की वसूली हुई है, उन्हें रिफंड किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में किसी किसान से ऐसी वसूली नहीं होगी। बीजेपी-जेजेपी सरकार ने आज तक किसान हित का एक भी फैसला नहीं लिया। सूरजमुखी के किसान एमएसपी के लिए तरस रहे हैं, लेकिन सरकार भावांतर का झुनझुना बजा रही है। किसानों को डेढ़ हजार से लेकर ढाई हजार रुपये प्रति क्विंटल का घाटा झेलना पड़ रहा है। सरकार किसानों को एमएसपी देने की अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। एक-एक करके एमएसपी वाली फसलों को भी ऐसी भावांतर भरपाई योजना से जोड़ा जा रहा है, जिससे किसानों को कोई लाभ नहीं होता।

उन्होंने कहा कि सरकार मुआवजे को लेकर भी किसानों को गुमराह कर रही है। पिछले कई सीजन से किसान मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। सरकार कागजों में ही मुआवजा बांटकर अपनी पीठ थपथपाने लगती है। पिछले दिनों हुई बारिश की वजह से 17 लाख एकड़ फसलों को नुकसान हुआ, लेकिन सरकार ने मुश्किल से 3 लाख एकड़ में ही खराबा दर्ज किया। हालांकि इस आंकड़े पर भी बड़ा संदेह है। क्योंकि हजारों की तादाद में किसान बता रहे हैं कि उन्हें खराबे के मुकाबले बहुत कम मुआवजा मिला और अनगिनत किसान इससे पूरी तरह वंचित रह गए।

एसवाईएल के मसले पर सरकार किसानों व पूरे हरियाणा को गुमराह कर रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बाकायदा हरियाणा के हक में फैसला सुनाया जा चुका है। इस फैसले को लागू करवाना सरकार की जिम्मेदारी है। हरियाणा और केंद्र दोनों जगह बीजेपी की सरकार है। बावजूद इसके सुप्रीम कोर्ट का फैसला अमल में नहीं लाया जा रहा। अब मामले को उलझाने और लटकाने के लिए कहा जा रहा है कि हिमाचल के रास्ते एसवाईएल का पानी हरियाणा में आएगा। सवाल यह है कि बीजेपी-जेजेपी सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मामला क्यों नहीं दायर कर रही? क्यों पंजाब में बनी बनाई एसवाईएल नहर के जरिए हरियाणा का पानी लाने के बारे में बात कर रही? गठबंधन सरकार हमेशा हरियाणा अधिकारों पर चुप्पी क्यों साध लेती है?

उन्होंने ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने मृतकों को श्रद्धांजलि दी व घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। साथ ही पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सके।

यह भी पढ़ें - रेलवे कॉरिडोर के तहत यमुनानगर में बनाए जाएंगे तीन स्टेशन




Tags

Next Story