पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा बोले- लिखित में निवेदन करने के बाद भी मिलने का समय नहीं दे रहे राज्यपाल

नेता विपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास पर विधायक दल की बैठक की गई। जिसमें नगर निकायों के चुनावों को लेकर विचार मंथन हुआ। इसके अलावा आने वाले वक्त में पंचायती चुनावों को लेकर भी मंथन किया। बाद में मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व सीएम ने कहा कि वे किसानों के आंदोलन का पूरी तरह से समर्थन करते हैं, इसी क्रम में हरियाणा के राज्यपाल से मिलने के लिए वक्त मांगा था लेकिन राज्यपाल मिलने का समय नहीं दे रहे हैं।
नेता विपक्ष ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों से साफ हो चुका है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार में जनता बदलाव चाहती है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की बैठक के दौरान तीन कृषि कानून के ख़िलाफ़ आंदोलनरत किसानों के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में कहा गया कि किसानों की मांगे पूरी तरह जायज़ हैं, ये आंदोलन पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक और शांतिप्रिय तरीके से चल रहा है। निश्चित तौर पर किसान संगठन आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं लेकिन एक जिम्मेदार विपक्ष के तौर पर तमाम कांग्रेस विधायक और पार्टी किसानों का समर्थन करते हैं।
आज विधायक दल की मीटिंग ली। 3 कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया। BJP-JJP सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करते हुए फिर से राज्यपाल को पत्र लिखा, ताकि सदन में अन्नदाता के मुद्दे पर चर्चा हो सके। pic.twitter.com/oDUl3OwM7s
— Bhupinder S Hooda (@BhupinderSHooda) December 31, 2020
बैठक के बाद भूपेंद्र हुड्डा ने कहा 36 दिनों से प्रदेश का अन्नदाता आंदोलनरत है। वो दिल्ली बॉर्डर समेत पूरे प्रदेश में कड़कड़ाती ठंड और खुले आसमान के नीचे धरना दे रहा है। 36 दिनों में 42 किसानों की जान जा चुकी है। ऐसे गंभीर हालात में किसानों के मुद्दे पर चर्चा ज़रूरी है इसलिए हमने 7 दिसंबर को राज्यपाल के नाम एक पत्र लिखा था, जिसमें विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। लेकिन राज्यपाल ने आज तक उस मांग को नहीं माना। राज्यपाल ने कांग्रेस विधायकों को मिलने से भी इनकार कर दिया, वो भी बिना कारण बताए।
हुड्डा ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार देखा है कि राज्यपाल इस तरह विपक्ष को मिलने से इनकार कर रहे हैं। विधायक दल की बैठक के बाद उन्होंने फिर से राज्यपाल को पत्र लिखा है और जल्द विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हालात ऐसे हो चले हैं कि राज्यपाल अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करके सत्र नहीं बुला रहे हैं और गठबंधन सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने से भाग रही है क्योंकि ये सरकार जनता और विधायकों का विश्वास खो चुकी है। दो माह में सरकार को दो बड़े झटके लग चुके हैं। बरोदा उपचुनाव के बाद गठबंधन को स्थानीय निकाय चुनावों में भी करारी हार का सामना करना पड़ा है। निकाय चुनावों में 7 में से बीजेपी को मिली सिर्फ 2 में जीत मिली और उसकी सहयोगी जेजेपी पूरी तरह साफ हो गई। जबकि सोनीपत में कांग्रेस उम्मीदवार ने प्रदेश की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। वहीं, उकलाना, सांपला और धारूहेड़ा में कांग्रेस समर्थक उम्मीदवारों ने बीजेपी को मात देकर जीत हासिल की। हुड्डा ने कहा कि इन नतीजों से स्पष्ट है कि ग्रामीण मतदाताओं के बाद अब शहरी मतदाताओं ने भी बीजेपी-जेजेपी को नकार दिया है। बरोदा के बाद स्थानीय निकाय के नतीजों से साफ है कि जनता अब परिवर्तन के मूड में है और हरियाणा से बीजेपी-जेजेपी जा रही हैं।
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