बरोदा उपचुनाव : एक तीर से लगाए कई निशाने लगाने में सफल रहे पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा

बरोदा उपचुनाव : एक तीर से लगाए कई निशाने लगाने में सफल रहे पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा
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बरोदा सीट पर फतह पाने के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कद एक बार फिर कांग्रेस दिल्ली हाईकमान के दरबार में बढ़ गया है।

चंडीगढ़ : हरियाणा के सोनीपत जिले की बरोदा सीट पर उपचुनाव (By-Election) में कांग्रेस की फतेह के साथ ही पूर्व सीएम औऱ नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) और उनका बेटा एमपी दीपेंद्र सिंह इस बहाने शक्ति प्रदर्शन में कामयााब रहे है।

बरोदा में कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा की मृत्यु के बाद सत्ता पक्ष उपचुनाव को लेकर पहले ही दिन से कांग्रेस के गढ़ को भेद पाना एक चुनौती मानकर चला जा रहा था। नेता विपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद पुत्र दीपेंद्र अपने करीबी भालू को टिकट दिलाने में कामयाब रहे। इतना ही नहीं हुड्डा के प्रभाव क्षेत्र वाली कांग्रेस की परंपरागत सीट को बचाना उनके लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ था। सीट पर फतह पाने के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कद एक बार फिर कांग्रेस दिल्ली हाईकमान के दरबार में बढ़ गया है। अर्थात बरोदा उपचुनाव के बहाने नेता विपक्ष के एक तीर से कई निशाने साधने में कामयाब दिखाई दे रहे हैं।

उधर भारतीय जनता पार्टी द्वारा खड़े किए गए पहलवान योगेश्वर दत्त की हार को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सियासी दिग्गज असहज महसूस कर रहे हैं। खास बात यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अलावा तमाम भाजपा के सियासी दिग्गजों मंत्रियों विधायकों द्वारा प्रचार की मुहिम चलाई गई, उसके बावजूद बरोदा उपचुनाव में योगेश्वर दत्त को हार देखनी पड़ी। दूसरा ऐसा मौका है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फतह पाने वाले योगेश्वर इसी सीट पर दूसरी बार चित हुए हैं।

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