एजेएल मामले में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड‍्डा को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

एजेएल मामले में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड‍्डा को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत
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मामले की सुनवाई अब 12 अगस्त के लिए स्थगित कर दी गई है।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व एजेएल में मामले में उनके साथ सभी आरोपियों को राहत देते हुए पंचकूला की सीबीआइ कोर्ट में एजेएल भूखंड के पुन: आवंटन मामले में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है। वीरवार को हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और एजेएल की ओर से दायर याचिका में दलीलें सुनने के बाद ये आदेश दिए हैं। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की पैरवी कपिल सिब्बल और आरएस चीमा ने की। मामले की सुनवाई अब 12 अगस्त के लिए स्थगित कर दी गई है।

पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत द्वारा अप्रैल माह में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) भूखंड के पुन: आवंटन मामले में आरोप तय किए थे। सीबीआइ अदालत ने हुड्डा और गांधी परिवार के एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी और 420 और धारा 13 (आई) (डी) और 13 (2) के तहत आरोप तय किए थे इन आरोप को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। याचिका में कहा गया है कि विशेष सीबीआई अदालत ने इस मामले में महत्वपूर्ण तथ्यों को अनदेखा किया।

मामले में हुड्डा और कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा आरोपी हैं। वोरा का हाल में निधन हो गया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पंचकूला में भूखंड के पुन: आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर दिसंबर 2018 में हुड्डा और एजेएल के तत्कालीन अध्यक्ष वोरा के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।एजेंसी ने तब दावा किया था कि एजेएल को भूखंड के पुन: आवंटन से 67 लाख रुपये राजस्व का नुकसान हुआ था।सीबीआई ने कहा था कि एजेएल को पंचकूला में 1982 में एक भूखंड आवंटित किया गया, जिस पर दस वर्षों तक कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ।

इसके बाद हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने भूखंड को वापस ले लिया। बहरहाल, 2005 में इसी भूखंड को नियमों का उल्लंघन कर पुरानी दर पर फिर से एजेएल को आवंटित कर दिया गया।हुड्डा मुख्यमंत्री के तौर पर प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष थे। प्रवर्तन निदेशालय ने भी मामले की जांच की और पंचकूला में एजेएल को जमीन आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में अपना आरोपपत्र दायर किया था। आरोपों के अनुसार, पंचकुला में एक औद्योगिक भूखंड को अवैध रूप से एजेएल को फिर से आवंटित किया गया था, जिसे कथित तौर पर यंग इंडिया लिमिटेड के माध्यम से गांधी परिवार सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

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