फतेहाबाद : पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया ने भाजपा का साथ छोड़ा

Fatehabad : किसान आंदोलन के समर्थन में फतेहाबाद से पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ नेता बलवान सिंह दौलतपुरिया (Balwan Singh Doulatpuria) ने भाजपा छोड़ने का ऐलान कर दिया है। गांव दौलतपुर में आयोजित किसान महापंचायत के दौरान पूर्व विधायक ने आज भाजपा छोड़ने की घोषणा की और अपनी गाड़ी पर लगी भाजपा की झंडी को हटाते हुए उसकी जगह किसानों का झंडा लगाया। पूर्व विधायक कुछ समय पूर्व ही इनेलो को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा को अलविदा कहते हुए उन्होंने कहा कि वे किसानों को समर्थन देने के लिए एक बड़ा जत्था लेकर दिल्ली बॉर्डर पर भी जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा नेताओं व खेती बचाओ संघर्ष समिति प्रधान जरनैल सिंह मलवाला ने बलवान सिंह को किसानी सरोपा पहनाकर उनका आभार प्रकट किया। महापंचायत में गांव दौलतपुर के अलावा आसपास के गांवों के भी सैंकड़ों किसान, मजदूर शामिल हुए और उन्होंने पूर्व विधायक के इस निर्णय की सराहना करते हुए इसे आंदोलन की मजबूत कड़ी करार दिया।
आज किसान भाइयों की दशा देखकर मन बहुत दुखी क्यूँकि ऐसा नहीं हो सकता की दादा रोए पोते को दर्द ना हो । अन्नदाता के साथ हो रहा ये व्यवहार कते ही मंज़ूर नहीं ।इसी कड़ी में आज मेरे गाँव द्वारा पंचायत बुलायी गयी जिसमें मुझे आदेश दिया गया की में भाजपा छोड़दूँ ।
— Balwan Singh Doulatpuria (@doulatpuria) January 31, 2021
आज पूर्व विधायक बलवान सिंह के पैतृक गांव दौलतपुर में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में किसानों ने पूर्व विधायक को भी आमंत्रित किया था। पूर्व विधायक ने कहा कि जब वे पंचायत में पहुंचे तो ग्रामवासियों ने उन्हें किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए भाजपा को छोड़ने की मांग की। गांव में भाईचारे को मानते हुए और पंचायत के आदेश को सिरमाथे रखते हुए उन्होंने भाजपा को छोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि आज किसान और भाईचारे को बचाने का समय है। वे भी किसानों के साथ खड़ा होकर भाईचारे को बचाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से षडयंत्र रचकर किसान आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है, इससे घिनौना कार्य कोई नहीं हो सकता। पिछले 60 से अधिक दिनों से अन्नदाता ठिठुरती सर्दी में दिल्ली बॉर्डर पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहा है। सरकार को चाहिए वह इनकी मांगों को माने। अन्नदाता का स्थान सड़कें नहीं, खेत होते हैं।
गाँव राम का आदेश सर्वोपरी होता है इसलिए में आज भाजपा छोड़कर किसान भाइयों ओर मेरे गाँव के साथ खड़ा हूँ ओर प्रण लेता हूँ की किसान भाइयों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलूँगा ।🙏🙏#gaonram # kisanektajindabad
— Balwan Singh Doulatpuria (@doulatpuria) January 31, 2021
उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत तीनों कानूनों को वापस ले और अन्नदाता के माथे पर तिलक लगाकर उन्हें वापस खेतों में भेजे। 26 जनवरी के दिन दिल्ली में हुई घटना की निंदा करते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि इस घिनौने काम को अंजाम देने वाले भाजपा और संघ के ही लोग थे। लाल किले पर गणतंत्र दिवस के दिन भारी सुरक्षा होती है लेकिन पुलिस संरक्षण में उपद्रवी लाल किले पर पहुंचे और यह सब सरकार का किसान आंदोलन को कमजोर करने का षडयंत्र था। उन्होंने प्रदेश के सभी विधायकों से अपील करते हुए कहा कि अगर किसान बचेगा तो ही हरियाणा बचेगा। प्रदेश हित में सभी विधायकों को पद से इस्तीफा देकर किसानों के समर्थन में आना चाहिए। किसी अन्य दल के जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका मकसद किसान आंदोलन को गति देना है। गांव में हुई पंचायत में फैसला लिया गया कि हर घर से एक सदस्य दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल होगा। इस अवसर पर गुरदीप अमृतसरिया, मनदीप नथवान, रविन्द्र सिंह हिजरवां खुर्द, चांदीराम कडवासरा, बंसीलाल जांडवाला, राजिन्द्र चहल, रविन्द्र कसवां, धर्मपाल फुलां, गुलाब सूंडा, कृष्ण नूनिया, रामचन्द्र सहनाल, एडवोकेट भरत सिंह परिहार, जिप पार्षद प्रतिनिधि जोगेन्द्र सिहाग, एडवोकेट देवेन्द्र कसवां, राम जाट, जगबीर तूर, प्रहलाद सिंह, अनिल बैनीवाल सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।
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