पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की आज जींद में रैली, BJP छोड़ेंगे या नहीं, सभी की निगाहें...

सतेंद्र पंडित. जींद। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की आज जींद में होने वाली मेरी आवाज सुनो रैली में लिए जाने वाले फैसले पर सभी की निगाह टिकी है। बीरेंद्र सिंह के नजदीकी भाजपा को छोड़ने का दावा कर रहे हेँ। बीरेंद्र सिंह पर भी उनके सर्मथकों का भाजपा को छोड़ने का दबाव है। बीरेंद्र सिंह पार्टी छोड़ेंगे या नहीं यह तो आने वाला समय बताएगा। यहां पर बीरेंद्र सिंह एक तीर के साथ कई शिकार भी हो रहे हैं। जिसमें भाजपा पर दबाव बनाना तथा अपनी और ध्यान खींचना भी शामिल है। भाजपा में रह कर उचाना से राजनीति करने मे जेजेपी रोडा बनी है। जो कि गठबंधन में शामिल है। भाजपा के साथ सरकार चला रही है। उचाना विस से डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला विधायक हैं। बीरेंद्र सिंह अपनी परम्परागत उचाना विस सीट को नही छोड़ने वाले हैं। जोकि गठबंधन के चलते उचाना सीट पर दावेदारी करना संभव नही है।
बीरेंद्र सिंह के राजनितिक भविष्य को लेकर भाजपा को छोड़ना बेहतर माना जा रहा है। हालंकि दावा तो घर वापस कांग्रेस का किया जा रहा है। फिर भी चाहे घर वापसी या भाजपा पर दबाव बनाना हो उससे पहले बांगर की धरती पर बीरेंद्र सिंह को मजबूत होना तथा दिखना जरूरी है। अपने गृह जिले जीद मे रैली का आयोजन कर बीरेंद्र सिंह अपनी ताकत का आंकलन करने के साथ राजनीतिक गलियाराें में बड़ा संदेश भी देना चाहते हैं। बीरेंद्र सिंह भी कह चुके हैं कि वे आगामी विस चुनाव मे लगभग 30 लोगों को उतारेंगे। बीरेंद्र सिंह किसानों, मजदूरों, कमेरा वर्ग तथा विकास को मुद्दा बना कर कर उसे विशेषज्ञाें के साथ बारिकी से लोगाें के बीच रखना चाहते हैं ताकि मुद्दों के साथ लोगों की नब्ज पकड कर उन्हें साथ लाया जा सके। हालंकि पीछे तो उनकी पांच दशक पुरानी इच्छा जगजाहिर है। कभी जनता ने साथ नहीं दिया तो कभी किस्मत ने दगा कर दिया। तगमा ट्रेजडी किंग का लगा। अब फिर से चुनाव नजदीक है तो उसकी तैयारी के चलते फिर से बीरेंद्र सिंह अपने लाव लश्कर के साथ रैली का आयोजन कर मैदान मे उतर रहे हैं। रैली में कितनी भीड़ उमडे़गी यह तो सोमवार को पता चल पाएगा।
मेरी आवाज सुनो रैली को लेकर तैयार मंच।
यह भी साफ है की बीरेद्र सिह की टीम ने रैली को लेकर पूरी ताकत झोंकी हुई है। भीड़ अच्छी उमड़ती है तो बीरेंद्र सिंह के सपनों को पंख लग जाएंगे। अगर कहीं चूक हुई तो केवल विकास, किसान, कमेरा वर्ग के हित बात कर अपना राजनीतिक आंकलन खुद कर लेंगे। वैसे भी यह रैली बिना पार्टी के झंडे तथा डंडे के हो रही है। सभी राजनितिक दलों की नजरें सोमवार को जींद में होने वाली बीरेंद्र सिंह की रैली तथा उनके फैसले पर टिकी है।
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