हरियाणा विधानसभा में चार विधेयक पारित, देखें पूरी डिटेल

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हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2021, हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2021, हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन (संशोधन) विधेयक 2021 तथा हरियाणा योग आयोग विधेयक,2021 को विस्तृत चर्चा के उपरांत पारित किया गया।

हरियाणा विधानसभा में चार विधेयक पारित बजट सत्र में 10 मार्च, 2021 को सदन पटल पर रखे गए चार विधेयकों नामत: हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2021, हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2021, हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन (संशोधन) विधेयक 2021 तथा हरियाणा योग आयोग विधेयक,2021 को विस्तृत चर्चा के उपरांत पारित किया गया। इसके अतिरिक्त, हरियाणा विनियोग (संख्या 1) विधेयक, 2021 भी पारित किया गया।

हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2021

हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 को आगे संशाोधित करने के लिए हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया गया है। बहुत से कारणों, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है, के दृष्टिगत हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 (1994 का अधिनियम 16) में हरियाणा नगर निगम (प्रथम संशोधन) अधिनियम, 2021 के द्वारा संशोधन आवश्यक था। जब हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 लागू किया गया था, तब फरीदाबाद नगर निगम ही एकमात्र नगर निगम था तथा 'फरीदाबाद संव्यूह प्रशासन के कर्मचारी' शब्द को शामिल किया गया था और उन्हें 'फरीदाबाद निगम' का कर्मचारी बनाया गया था। अब हरियाणा राज्य में नगर निगमों की संख्या ग्यारह हो गई है तथा सभी नगर निगमों का एक एकीकृत कैडर (समेकित संवर्ग) बनाने के लिए एक आवश्यकता महसूस की गई, क्योंकि समय पर इस तरह के प्रावधानों की अनुपस्थिति में मानवशक्ति संसाधनों के बेहतर वितरण में समस्या पैदा होती है। इसलिए, नगर निगमों के सभी कर्मचारियों के कैडर, जो अस्तित्व में हैं और जिन्हें भविष्य में बनाया जाना है, को एकीकृत करने की आवश्यकता थी। यह उद्देश्य हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 67, 419 तथा 422 में संशोधन के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है जो 31 मई, 1994 के 31वें दिन से लागू माने जाएंगे।

हरियाणा योग आयोग विधेयक, 2021

हरियाणा राज्य में योग तथा प्राकृतिक चिकित्सा को प्रोत्साहन, प्रबंधन, विनियमन, प्रशिक्षण के लिए, आयुर्विज्ञान की प्राकृतिक चिकित्सा पद्घति को बढ़ावा देने, उसके व्यवसाय को विनियमित करने तथा अन्य मामलों, जैसे खेल इत्यादि के रूप में प्रशिक्षण, प्रोत्साहन तथा योगासन, के निपटान हेतु तथा उससे संबंधित तथा उससे आनुषांगिक मामलों के लिए आयोग की स्थापना करने के उद्देश्य से हरियाणा युवा आयोग विधेयक,2021 पारित किया गया है। हरियाणा राज्य के गठन के बाद से, योग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है। वर्तमान में राज्य में कोई योग आयोग नहीं है। इस प्रकार हरियाणा राज्य में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचार, प्रबंधन, नियमन एवं प्रशिक्षण और योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा व्यवसायी के पंजीकरण के उद्देश्य के लिए हरियाणा राज्य में योग आयोग की स्थापना एवं समावेश की आवश्यकता थी। इसलिए योग एवं प्राचीन पद्घतियों के महत्व, प्रभाव एवं उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए योग के प्रचार, प्रबंधन, विनियमन, प्रशिक्षण के लिए और प्राकृतिक चिकित्सा पद्घति के विकास एवं चिकित्सा को नियंत्रित करने के लिए और खेल के रूप में कुछ अन्य मामले जैसे प्रशिक्षण, प्रोत्साहन एवं योगासन आदि के लिए योग आयोग की आवश्यकता थी।

हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2021

हरियाणा नगरपालिका अधिनियम,1973 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया गया है। हरियाणा नगरपालिका अधिनियम,1973 की नगरपालिकाओं के वर्गीकरण एवं गठन के लिए धारा (2क) में जनसंख्या के लिए गलती से धारा का खण्ड (45), खण्ड (19क) के स्थान पर वर्णित किया गया है। इसे सुधारने के लिए उक्त अधिनियम की धारा 2क में संशोधन केरूप में किया जाना आवश्क हो गया था। वर्तमान में नगर निकायों के वाणिज्यिक व्यवहार्य परियोजनाओं के लिए दबाव को देखते हुए नगर निकायों को वाणिज्यिक उधार लेने का लाभ उठाने के लिए प्राधिकृत करने में समर्थ बनाने वाले उपबंध शामिल करने के लिए उक्त अधिनियम में धारा 60क जोडऩे और नगरपालिका सम्पत्तियों से संबंधित मामलों के निपटान की प्रक्रिया को अधिनियम में शामिल करने के लिए उक्त अधिनियम में धारा 62क जोड़ा गया है। इससे पूर्व ये दोनों कार्य उपबंध के तहत किए जाते थे।

इसी प्रकार, भारत सरकार ने नीति आयोग की सिफारिश पर सम्पत्ति के मूल्य का निर्धारण सम्पति की कीमत पर करते हुये सम्पति कर लगाने एवं एकत्र करने का सुझाव दिया है। अब तक हरियाणा में ऐसी प्रथा प्रचलन में नहीं है। तथापि, केन्द्रीय सरकार द्वारा यह भी प्रस्तावित किया गया है कि सरकार द्वारा नियत दरें फलोर दर होनी चाहिए तथा नगरपालिका निकायों को फलोर दरों से उच्चतर दरों पर सम्पत्ति कर लगाने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। वर्तमान हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1973 की सम्बन्धित धाराओं में सम्पत्ति कर के निर्धारण तथा संग्रहण बारे यह वर्णित नहीं है कि इसे पूंजीगत मूल्य या सम्बन्धित मापदण्डों के आधार पर निर्धारित तथा एकत्र किया जाना है। इसलिए, उक्त अधिनियम की धारा 69 में संशोधन करके इस आशय के लिए समर्थ उपबन्ध करने के माध्यम से मापदण्ड आरम्भ करने की आवश्यकता है।

हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन (संशोधन) विधेयक, 2021

हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन अधिनिय, 2016 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन (संशोधन), विधेयक 2021 पारित किया गया है। राज्य सरकार ने राज्य में एक इको सिस्टम बनाने के लिए, जिसमें ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को अन्य राज्यों से मेल खाता हुआ व व्यापर शुरू करने के लिए मंजूरी प्राप्त करने में देरी को कम करने एवं लागत को, वैश्विक मानकों से भी कम करने के लिए हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन अधिनियम, 2016 व सम्बन्धित नियम बनाये थे। हरियाणा सरकार ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न मंजूरी प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन एवं सहायक सेवाएं एक ही छत के नीचे प्रदान करने के लिए हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र का गठन किया था। निवेशकों की सुविधा के लिए 23 विभागों की लगभग 150 मंजूरियां एक समयबद्घ तरीके से प्राप्त करने के लिए सांझा आवेदन फॉर्म भरने के लिए हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र का इनवेस्ट हरियाणा पोर्टल शुरू किया गया। भारत सरकार के बिजनेस रिफॉर्म एक्शन पॉइंटस के अंतर्गत एक समयबद्घ समय सीमा में एकल खिडक़ी प्रणाली के माध्यम से मौजूदा उद्यमों और नवीकरण को मंजूरी प्रदान करना जरूरी है। इन एक्शन पॉइंट में विभागों के दायरे के साथ-साथ मंजूरी का भी विस्तार होता रहा है। वर्तमान में इनके अंतर्गत दंडात्मक प्रावधानों के प्रावधान की आवश्यकता है। हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन बोर्ड और अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति को त्वरित निर्णय लेने और उद्यमों को समयबद्घ तरीके से डीम्ड क्लीयरेंस प्रदान करने के लिए इनकी शक्तियों को अध्यक्ष एवं किसी भी सदस्य को सौंपा जाना आवश्यक हो गया था।

हरियाणा विनियोग (संख्या 1) विधेयक, 2021

मार्च, 2021 के 31वें दिन को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के दौरान सेवाओं के लिए हरियाणा राज्य की संचित निधि में से 8966,65,26,981 रुपये के भुगतान और विनियोग का प्राधिकार देने के लिए हरियाणा विनियोग (संख्या 1) विधेयक, 2021 पारित किया गया।

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