बीमारी और कर्जदारी ले डूबी हंसते-खेलते परिवार को, 2 बच्चों के साथ हुआ दंपती का अंतिम संस्कार

हरिभूमि न्यूज : अंबाला
अंबाला में नरवाना ब्रांच नहर से मिले शवों की गुत्थी अब सुलझती नजर आ रही है। पुलिस की मानें तो चालक ने पत्नी ने झगड़ा कर कार को सीधे नहर में गिरा दिया। इसी वजह से कार चालक के साथ उसकी पत्नी व दोनों मासूम बच्चों की डूबने से मौत हो गई। परिजनों की मानें तो कार चालक बीपी व शुगर से बेहद परेशान था। कर्जदारी अलग से उसकी मुसीबत बनी थी। इसी वजह से उसने कार को नहर में गिराकर पूरे परिवार को ही खत्म कर दिया। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद चारों शव परिजनों के हवाले कर दिए गए। जिसके बाद चारों का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। उधर परिवार सहित आत्महत्या करने की बात सामने आने के बावजूद पुलिस दूसरे पहलुओं की भी जांच कर रही है।
नहर के पास रोकी कार, पत्नी से हुआ झगड़ा
अंबाला शहर से सटे पंजाब के लालडू के गांव टिवाणा का रहने वाला 40 वर्षीय कुलबीर सिंह दो रोज पहले ही अपनी पत्नी कमलजीत कौर 16 साल की बेटी जश्नप्रीत कौर व 11 साल के बेटे खुशदीप सिंह के साथ घर से ससुराल जाने के लिए निकला था। उसकी ससुराल पंजाब के शंभू कस्बे के गांव कबूलपुर में है। पता चला है कि पहले उसने जंडमंगौली गांव में गुरूद्वारा साहिब में भी मत्था टेका था। इसके बाद उसे इस्माइलपुर गांव के पास से गुजर रही नरवाना ब्रांच नहर के पास देखा गया। यहां काफी देर तक वह कार समेत खड़ा रहा।
पुलिस को एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि यहां उसका पत्नी से भी झगड़ा हुआ था। तब गुस्से में आकर उसने पत्नी को कार में बिठाकर उसे नहर में गिरा दिया। खुद वह कार की ड्राइविंग सीट पर था। जबकि बच्चे पहले ही पीछे की सीट पर बैठे थे। पुलिस को काफी देर बाद नहर में कार गिरने की सूचना मिली थी जिसके बाद गोताखोरों के जरिए उसकी तलाश शुरू हुई। शुरूआत में पुलिस को यह पता नहीं था कि कार में कितने लोग सवार हैं। कार नहर से बाहर निकालने के बाद मिले शवों से उनकी संख्या का पता चल पाया है।
बीमारी व कर्जदारी से परेशान था कुलबीर
कुलबीर सिंह अपनी बीमारी व कर्जदारी से बेहद परेशान था। माना जा रहा है कि इसी वजह से उसने पूरे परिवार समेत आत्महत्या की है। बुजुर्ग पिता सुच्चा सिंह ने बताया कि काफी समय से कुलबीर बीपी व शुगर की वजह से परेशान था। दोनों बीमारियों के कारण वह मानसिक तौर पर बेहद तंग था। हालांकि पिता ने कर्जदारी को लेकर किसी तरह की बात स्पष्ट नहीं की। उसने बताया कि जब रविवार को वह परिवार के साथ ससुराल जाने के लिए निकला था तो काफी समय तक उसका फोन बंद आया। तब उन्होंने अपने स्तर पर उसकी तलाश शुरू की। पिता ने बताया कि उसे यह अहसास नहीं था कि कुलबीर इतना बड़ा कदम उठा सकता है। नागरिक अस्पताल के बाहर खड़े उसके दोस्त बहादुर सिंह ने यह बात स्वीकार की है कि पिछले करीब छह महीने से कुलबीर आर्थिक तंगी के कारण परेशान था। उसने खुद उसे भी पैसों का इंतजाम करने की बात कही थी। बहादुर ने बताया कि तीन दिन पहले ही उसकी कुलबीर से बात हुई थी। तब उसे यह अहसास नहीं था कि कुलबीर ऐसा कदम भी उठा सकता है।
पैनल ने किया पोस्टमार्टम
मंगलवार को चारों शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिए गए। चिकित्सकों के पैनल ने शवों का पोस्टमार्टम किया। शुरूआती जांच में यह बात सामने आई कि डूबने से ही चारों की मौत हुई है। फिर भी गहनता से जांच के लिए बिसरे को मधुबन भेजा गया है। पुलिस भी अब तक की जांच में पूरी घटना को खुदकुशी से मानकर चल रही है। हालांकि जांच अधिकारी अभी दूसरे पहलुओं पर भी मामले की जांच कर रहे हैं। इसके बाद ही अंतिम रिपोर्ट जारी की जाएगी।
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