रेलवे में बुकिंग क्लर्क लगाने के नाम ठगी : 14 लाख लेकर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर दे दिया, डीआरएम दफ्तर पहुंचे तो खुला राज

रेलवे में बुकिंग क्लर्क लगाने के नाम ठगी : 14 लाख लेकर फर्जी ज्वाइनिंग   लेटर दे दिया, डीआरएम दफ्तर पहुंचे तो खुला राज
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पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने नामजद निखिल उर्फ अंकित उर्फ अनिकेत व हीना शाहु के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी,420,467,468,471 के तहत केस दर्ज किया है।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

रोजगार पाने की चाह रखने वाले बेरोजगार आए दिन किसी ना किसी के झांसे में आकर भारी रकम गवां रहे है। एक बार फिर इसी तरह का मामला सतनाली क्षेत्र के गांव श्यामपुरा में रहने वाले दो बेरोजगारों के साथ हुआ है। दोनों युवकों को रेलेव में बुकिंग क्लर्क की नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया। नौ-नौ लाख की डिमांड की। दो-दो लाख पहले दिए गए। बाद में दोनों युवकों को ज्वाइनिंग लेटर थमाकर सितम्बर माह में नौकरी ज्वाइन करवाने का आश्वासन दिया। इस विश्वास के बाद दोनों ने करीब पांच-पांच लाख रुपये ओर दे दिए। संदेह होने पर जब नई दिल्ली डीआरएम कार्यालय में ज्वाइनिंग लेटर लेकर पहुंचे तो इस लेटर को फर्जी करार दे दिया। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने नामजद निखिल उर्फ अंकित उर्फ अनिकेत व हीना शाहु के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी,420,467,468,471 के तहत केस दर्ज किया है।

सतनाली थाना में दी श्किायत में गांव श्यामपुरा वासी जयदेव शेखावत ने बताया है कि वह 12वीं पास है। फिलहाल बेरोजगार है। प्राइवेट नौकरी के लिए कनाट पैलेस दिल्ली में राजीव चौक पर एक कंपनी है, उसमें वह नौकरी के लिए गया था। वहां पर उसकी एक लड़की से मुलाकात हुई। उसने अपना नाम हीना शाहु बताया। जो अपने आप को कंपनी की मैनेजर बता रही थी। उससे उसकी बातचीत हुई। उसने कहा कि आप प्राइवेट कंपनी में क्या करेंगे। उसकी जान पहचान वाला एक आदमी है, जिसका नाम निखिल उर्फ अंकित उर्फ अनिकेत है। वह रेलवे में बुकिंग क्लर्क के पद पर लगवा देगा लेकिन कुछ खर्चा लगेगा। बेरोजगार होने के कारण उसकी बातों पर विश्वास कर लिया। हीना शाहु ने उसकी निखिल से मुलाकात करवाई और निखिल ने उससे कहा कि रेलवे का डीआरएम दिल्ली उसका रिश्तेदार है। उससे कहकर वह वहां बुकिंग क्लर्क पद पर लगा देगा। यहीं नहीं, अगर कोई अन्य भी कोई निजी आदमी हो तो उसे भी लगवा देगा। उसने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति के नौ-नौ लाख खर्चा लगेगा। यह सभी बातें पिता को बताई। पिता ने भी निखिल से इसी संबंध में कई बार उसके कहे अनुसार व्हाट्सअप पर बातचीत की।

निखिल को सतनाली आने के लिए कहा ताकि एक-दो युवकों की बात ओर की जा सके। जिस पर निखिल ने सतनाली इस शर्त पर आने की बात कही कि कुछ रुपये एडवांस देने होंगे। इसके बाद निखिल खुद सतनाली आया। वह हमारे अलावा प्रवीण श्यामपुरा से भी मिला। निखिल को जयदेव व प्रवीण को नौकरी लगवाने की एवज में चार लाख और कागजात दे दिए। उसके उपरांत करीब 45 दिन बाद निखिल ने दोनों के नामजद ज्वाइनिंग लेटर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बुलवाकर दे दिए। इससे हमें पूरा विश्वास हो गया। उसने कहा कि सितंबर माह में ज्वाइनिंग करवा देगा। जोकि ज्वाइनिंग लेटर में भी तारीख का हवाला दिया हुआ था। फिर निखिल ने कहा कि आपका काम बनवा दिया, आपको वह बैंक खाता नंबर देगा बाकी रकम उसमें डलवा दो। उसके बाद हम दोनों ने निखिल की ओर से बताए गए बैंक खाता में अलग-अलग तारीख में फोन-पे व खातों में ट्रांसफर करवाते रहे। दोनों के करीब सात-सात लाख रुपये दे दिए गए। निखिल ने नौकरी का झांसा देकर धोखाधड़ी की। इस घटनाक्रम के बाद पिता हम दोनों को लेकर नई दिल्ली डीआरएम कार्यालय में निखिल के बुलाने पर लेकर गया। वह हमने व्हाट्सएप पर बार-बार बात होती रही जो हमें झांसा देता रहा। फिर हमने अपने तौर पर डीआरएम कार्यालय में ज्वाइनिंग लेटर दिखाया तब वहां के अधिकारियों ने कहा कि ये सभी कागजात नकली है। आपके साथ धोखाधड़ी की गई है। इस कार्यालय से बुकिंग क्लर्क की कोई नौकरियां नहीं निकाली है। फिर हमने निखिल के मोबाइल नंबर पर बार-बार संपर्क किया। उसने मोबाइल बंद कर लिया और कोई बातचीत नहीं हो सकी।

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