फ्लैट की खरीद फरोख्त में 20 लाख की ठगी, पुलिस ने बिल्डर समेत कई पर किया केस दर्ज

हरिभूमि न्यूज. अंबाला : केवी की रिटायर्ड टीचर कमलेश शर्मा व उनकी बेटी रुपल भारद्वाज से बिल्डर ने फ्लैट के सौदे में 20 लाख रुपये ठग लिए। शिकायत के बाद अब पुलिस ने आरोपी बरनाला बिल्डर के साथ पवन यादव, भूमिका शर्मा, संजीव चौधरी, रामगोपाल व एक पत्रकार को भी धोखाधड़ी, विश्वासघात एवं जान से मारने की धमकी देने के केस में आरोपी बनाया है।
न्यू वीटा एन्क्लेव में रहने वाली रुपल ने बताया कि उसने अपनी मां कमलेश शर्मा के साथ 1 जनवरी 2014 को आरोपी बिल्डर से जिरकपुर रोड स्थित माया गार्डन में फ्लैट लेने बारे बात की थी। बरनाला बिल्डर र ने उन्हें पहली मंजिल पर फ्लैट देने का वायदा किया गया था। बिल्डर ने 2 जनवरी को अपने 2 सेल्समैन पवन यादव व भूमिका शर्मा को उनके घर भेजा, जिन्होंने उनसे 10-10 लाख के 2 चेक ले लिए व उसी दिन जीरकपुर पहुंचने की बात कही। इसके बाद वह अपनी मां व पति के साथ बरनाला बिल्डर के पास पहुंचे, जिन्होंने फ्लैट पहली मंजिल पर देने के बजाए तीसरी मंजिल पर देने की डील तैयार कर दी और उनके हस्ताक्षर करवा लिए।
जब उन्होंने डीड पढ़ी तो उन्होंने पूछा कि फ्लैट तीसरी मंजिल पर क्यों दिया जा रहा है। उन्होंने इस डील को नामंजूर कर दिया। उनकी डील 6 जनवरी 2014 को कैंसिल हो गई। उन्होंने चेक वापस मांगे, तो बरनाला बिल्डर ने उनके साथ गाली गलौज करके वहां से जाने को कह दिया। दोबारा जाने पर बिल्डर ने पैसे वापस न मिलने और उसके बदले कोई दूसरी प्रॉपर्टी देने को कह दिया। बिल्डर ने मार्च 2014 में उन्हें माया गार्डन फेस-1 में वीआईपी रोड पर फ्लैट नंबर 204-डी लेने के लिए मजबूर किया। इस एवज में उनसे 7 लाख रुपए नकद ले लिए और 30 लाख रुपए का लोन भी करवाया। बिल्डर ने उनसे कुल 57 लाख 50 हजार रुपए ले लिए। लोन की मासिक किस्त 34,879 रुपए बनती थी, जो वे हर माह भरते रहे और लोन पूरा होने के बाद उन्हें स्टेट बैंक ऑफ पटियाला सेक्टर-8 चंडीगढ़ की ओर से फ्लैट के कुछ दस्तावेज दिए गए।
इन कागजों को चेक करने पर उन्हें पता चला कि फ्लैट 37 लाख 50 हजार रुपए का है। उनसे बिल्डर ने 20 लाख रुपए ज्यादा यानी 57 लाख 50 हजार रुपए ले लिए। जब वे बिल्डर के पास यह शिकायत लेकर गए, तो बरनाला बिल्डर ने फिर उन्हें गालियां देते हुए प्रताड़ित किया और जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस को की। बिल्डर ने आर्थिक अपराध शाखा में जांच के दौरान 20 लाख के जाली वाउचर पेश किए, जिसके मुताबिक उन्होंने पैसा लौटा दिया है। जबकि ऐसी कोई रकम उनके खाते में आई ही नहीं थी। पुलिस जांच के बाद बिल्डर ने गलती मानते हुए फैसला करने की बात कही। फैसले की तारीख पर बिल्डर के कर्मचारी संजीव चौधरी, रामगोपाल, धीमान नाम के एक पत्रकार व 3-4 अन्य व्यक्ति आए व फैसला लिखवाया कि वे डेढ़-डेढ़ लाख करके पैसा वापस लौटाएंगे। उनकी मांग है कि उनके 20 लाख रुपए 9 साल के ब्याज के साथ वापस दिए जाएं। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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