पहलवान सीमा बिसला के घर पहुंचे ओएसडी गजेंद्र फौगाट, दी शुभकामनाएं

पहलवान सीमा बिसला के घर पहुंचे ओएसडी गजेंद्र फौगाट, दी शुभकामनाएं
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गजेंद्र फौगाट ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी ओलंपिक टिकट प्राप्त खिलाड़ियों को उनकी तैयारियों के लिए उनके खातों में पांच लाख रुपये पहले ही जमा करवा दिए हैं। इसके इलावा ओलंपिक जाने पर उन्हें 15 लाख की राशि और भी देने की तैयारी की जा रही है।

रोहतक। मुख्यमंत्री के आदेश पर ओलम्पियन परिवारों का कुशलक्षेम जानने की प्रक्रिया में ओएसडी गजेंद्र फौगाट पहलवान सीमा बिसला के घर गुढाण पहुंचे। वे उनके पिता आज़ाद सिंह, भाई मेनपाल, बहन शर्मिला से मिले व उनहें खेल मंत्री द्वारा भेजा शुभकामना पत्र भी प्रदान किया। गजेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दिल में खिलाड़ियों के लिए विशेष स्थान है।टोक्यो ओलंपिक में सीएम व्यक्तिगत रूचि लेकर संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने हाल ही में दुबई में हुई एशियन चैंपियनशिप के विजेता खिलाड़ियों को भी गर्म जोशी से एयरपोर्ट पर उनकी अगुवाई में स्वागत करने के लिए उन्हें भेजा। गजेंद्र फौगाट ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी ओलंपिक टिकट प्राप्त खिलाड़ियों को उनकी तैयारियों के लिए उनके खातों में पांच लाख रुपये पहले ही जमा करवा दिए हैं। इसके इलावा ओलंपिक जाने पर उन्हें 15 लाख की राशि और भी देने की तैयारी की जा रही है। फौगाट ने कहा एक खिलाड़ी जब अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में लड़ने पहुंचता है तो उसके मेडल के पीछे बहुत लोगों का हाथ होता है प्रदेश के मुख्यमंत्री इस संवेदना को समझते हैं और इसलिए उन्होंने ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने पर देश की सबसे बड़ी इनाम राशि 6 करोड़ की घोषणा की है। इससे खिलाड़ियों में उत्साह का माहौल है। फौगाट ने कहा कि अबकी बार ओलंपिक में बेटियों पर भी पूरा दारोमदार रहेगा। कई खिलाड़ी बहुत अच्छी फॉर्म में हैं और खासकर कुश्ती, बॉक्सिंग व निशानेबाजी की खिलाड़ी बेटियां इस बार मैडल की हकदार हैं।

कैंसर से लड़ाई लड़ते पिता को दी शुभकानाएं

गजेंद्र फौगाट ने सीमा के पिता आजाद सिंह को बहादुर पिता बताया। पिछले 3 वर्ष से अपने कैंसर से जूझते हुए आजाद सिंह ने सीमा बिसला को ओलंपिक तक ले जाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आजाद सिंह भैंस का दूध बेचकर व खेत में मेहनत करके परिवार का पेट पालते हैं। सीमा बिसला की प्रतिभा को बचपन में ही पहचान लेने वाले आज़ाद सिंह खुद भी कुश्ती के खिलाड़ी रहे हैं। बचपन मे ही बेटी को खेल गांव निडानी के स्कूल में भर्ती करवा दिया था। गजेंद्र फौगाट ने उनकी इस हिम्मत के लिए उन्हें शुभकानाएं दी ।

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