नगर परिषद अधिकारियों का खेल : नाला बना नहीं और ठेकेदार को पहले ही कर दी पेमेंट

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
नारनौल नगर परिषद एक बार फिर से चर्चा में है। नाला बना नहीं और कागजों में बिल बनाकर दो लाख 20 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया। मामला सामने आने पर अब नगर परिषद के अधिकारी लीपापोती में जुट गए है। पता चला है कि बस स्टैंड के पीछे यादव धर्मशाला के साथ करीब 100 फीट लंबा नाला डी-प्लान की ग्रांट से बनाया जाना था। इस नाले की लागत का ईस्टीमेट करीब ढाई लाख रुपये का था।
नगर परिषद ने इस कार्य डी-प्लान के तहत करवाने के लिए किसी विकास जांगिड़ नाम के ठेकेदार को काम अलॉट किया था। जनवरी माह में यह काम ठेकेदार को अलाट किया गया था और नगर परिषद के रिकॉर्ड के अनुसार 28 फरवरी 2022 को ठेकेदार ने इस नाले के बिल बनाकर सबमिट कर दिया। ठेकेदार द्वारा ढाई लाख रुपये के बिल बना कर दिए गए थे और नगर परिषद के अधिकारियों ने 31 मार्च से पहले दो लाख 20 हजार का भुगतान भी कर दिया। सोशल मीडिया में जब यह मामला वायरल हुआ तो नगर परिषद के अधिकारी इस डैमेज को कंट्रोल करने में जुटे हुए हैं।
इस मामले में संबंधित जेई प्रवीण मलिक से बातचीत की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि इस काम के भुगतान के लिए दो लाख 20 हजार रुपये ठेकेदार को दिए जा चुके हैं। जेई ने बताया कि ठेकेदार ने मौके पर सरिया और रोड़ी वगैरा डलवाई हुई है लेकिन उसका तर्क है कि वह बीमार हो गया था उसकी वजह से यह काम शुरू नहीं कर पाया। अब यह जेई और ठेकेदार का यह तर्क किस प्रकार गले उतरेगा।
मामले की जांच करवाकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई: कमलेश सैनी
नवनर्विाचित चेयरपर्सन कमलेश सैनी से बताया कि यह मामला सोशल मीडिया के माध्यम से ही उन्हें पता चला है। मामला क्या है इसकी जानकारी ली जाएगी, यदि गलत भुगतान हुआ है तो इस मामले की जांच के लिए अधिकारियों को लिखा जाएगा। इस मामले में जो भी कर्मचारी अधिकारी दोषी होगा, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए सरकार को अनुशंसा की जाएगी। नगर परिषद में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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