रंगदारी मामले में गैंगस्टर काला राणा पांच दिन के पुलिस रिमांड़ पर

रंगदारी मामले में गैंगस्टर काला राणा पांच दिन के पुलिस रिमांड़ पर
X
कोर्ट परिसर में सुरक्षा के लिहाज भारी पुलिस बल तैनात रहा। सीआइए वन, टू, एंटी नारकोटिक्स सेल, एंटी व्हीकल थेफ्ट सेल व एंटी स्नेचिंग सेल सहित सेक्टर 17 व गांधीनगर थाना के इंचार्ज पुलिस टीमों के साथ तैनात रहे।

हरिभूमि न्यूज,यमुनानगर

खनन कारोबारी मनोज वधवा से रंगदारी मांगने के केस में गैंगस्टर विरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा को शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। उसे स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) अंबाला जेल से लेकर यहां जगाधरी कोर्ट में पेश पर करने पहुंची।

कोर्ट परिसर में सुरक्षा के लिहाज भारी पुलिस बल तैनात रहा। सीआइए वन, टू, एंटी नारकोटिक्स सेल, एंटी व्हीकल थेफ्ट सेल व एंटी स्नेचिंग सेल सहित सेक्टर 17 व गांधीनगर थाना के इंचार्ज पुलिस टीमों के साथ तैनात रहे। डीएसपी हेडक्वार्टर कमलजीत भी काला राणा की पेशी के दौरान कोर्ट परिसर में ही रहे। यहां उसे ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास रजत वर्मा की कोर्ट में पेश किया गया। उसका सात दिन का रिमांड मांगा गया है।

ये है मामला

करनाल के सेक्टर 13 निवासी मनोज वधवा ने पुलिस को दी शिकायत मे बताया था की उसकी जेएसएम फूड्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है। इसके साथ ही वह रूट्स जर्नी में भी पार्टनर हैं। उनकी कंपनी ने बीड टापू च मंडोली घग्गर में रेत के घाट सरकार से लीज पर लिए थे। इन रेत के घाटों का कामकाज वह और उसका चाचा वीरभान देखते हैं। सात अक्टूबर 2020 की दोपहर को वह जगाधरी के सेक्टर 18 में अपने दोस्त के पास बैठा था। इस दौरान उसके पास अनजान नंबर से काल आया था। काल करने वाले ने कहा था कि वह काला राणा बोल रहा है। नाम तो सुना ही होगा। यदि तुझे व तेरे परिवार को जिंदा रहना है, तो रेत के घाटों मे से हर महीने हिस्सा देना पड़ेगा। उस समय उसने घबराकर फोन काट दिया। इसके बाद फिर उसी नंबर से चार बार काल आई। लेकिन वधवा ने फोन नहीं उठाया। बाद में शाम को काल आई, तो दूसरी ओर काला राणा ही बाेल रहा था। उसने कहा कि समझ में नहीं आ रहा है। घर आकर समझाऊं क्या। परेशान होकर उसने 12 अक्टूबर 2020 को पुलिस को शिकायत दी। जिस पर सेक्टर 17 थाना पुलिस ने केस दर्ज किया था।

पांच दिन का मिला पुलिस रिमांड

मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार का कहना है कि मामले में सात दिन का रिमांड मांगा गया था। जिसमे अदालत ने पांच दिन का रिमांड दिया है। रिमांड के दौरान आरोपित से जिस फोन से धमकी दी थी उसे बरामद किया जायेगा। पूछताछ में आरोपित से अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है।

Tags

Next Story