गैंगस्टर विक्रम गुर्जर उर्फ पपला दोषी करार, 2015 में महिला की गोली मारकर की थी हत्या

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
महेंद्रगढ़ के पास गांव खैरोली में साल-2015 में बिमला मर्डर केस में गैंगस्टर विक्रम गुर्जर उर्फ पपला को सोमवार नारनौल अदालत ने दोषी करार दिया है। महिला बिमला पर बेटे संदीप की मौत में राजीनामा करने का दबाव था। राजीनामा के लिए इंकार करने पर उसकी हत्या कर दी गई थी। बिमला की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 23 गोलियां लगना पाया गया था। वहीं छह गोलियां शरीर में मिली थी। एफएसएलए रिपोर्ट में नौ एमएम पिस्टल व देशी कट्टा से फायर की हुई थी। पपला ने बयान में नौ एमएम पिस्टल से गोली चलाना माना था। इन्हीं प्वाइंटों में पपला पर आरोप साबित हुए। पपला पर हत्या का आरोप सोमवार को अदालत में सिद्ध होने के बाद अब मंगलवार को सजा सुनाएगी जाएगी।
बिमला पक्ष के अधिवक्ता अजय चौधरी ने बताया कि एफआईआर 376/2015 में सात आरोपित बनाए गए थे। इनमें सीताराम, हजारीलाल, रामबिलास व सुनीता 120बी में थे। वहीं विक्रम पपला, विरेंद्र ाुथर व दानवीर को भी आरोपित बनाया गया था। पांच दिसंबर 2017 को विक्रम पपला को पीओ घोषित कर दिया गया था। उसके बाद बिमला मर्डर केस के छह आरोपितों की अलग से ट्रायल चल रहा था। इन्हें संदेह का लाभ देते हुए 12 अप्रैल 2018 को बरी कर दिया था। इस केस का मुख्य आधार गवाह मृतका बिमला का देवर शिकायतकर्ता घुड़ाराम रहा। यह मौके का गवाह था। वहीं मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 23 गोलियां चलने की बात सामने आई।
छह गोली शरीर के अंदर भी मिली थी। एफएसएलए की रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि नौ एमएम पिस्टल व देशी कट्टा से महिला के शरीर पर फायर किया गया। अधिवक्ता ने बताया कि पपला ने पुलिस बयान में कहा था कि उसने नौ एमएम पिस्टल से गोली चलाई। इन्हीं प्वाइंटों के मैच हो जाने के कारण एडिशनल सेशल जज सुधीर जीवन की अदालत ने सोमवार विक्रम पपला को दोषी करार दिया है। अधिवक्ता अजय चौधरी ने बताया कि मंगलवार को सजा सुनाई जाएगी। वैसे धारा 302 में फांसी या उम्रकैद की सजा सुनाए जाने की संभावना है। वहीं आरोपित विक्रम पपला के पक्ष के अधिवक्ता कुलदीप भरगड़ ने बताया कि विक्रम पपला को अदालत ने दोषी करार दिया है। कल क्या रहता है, यह देखेंगे। उसके बाद आगामी अपील करेंगे।
यह है बिमला मर्डर केस मामला
महेंद्रगढ़ के पास गांव खैरोली वासी घुड़ाराम ने पुलिस को शिकायत दी थी। इसमें घुड़ाराम ने बताया कि साल 2014 में भतीजे संदीप का मर्डर हुआ था। उसमें गांव के कई नामजद शामिल थे। इसी मामले को लेकर 20 अगस्त 2015 को सुबह 11 बजे जब वह और उसकी भाभी बिमला पत्नी स्व. ग्यारसीलाल (संदीप की माता) घर पर थे। उस वक्त गांव के ही कुछ नामजद लोग वहां आए। उन्होंने भाभी बिमला को बेटे संदीप के कत्ल का मुकदमा पर राजीनामा करने को कहा। भाभी ने मना कर दिया। उन्होंने धमकी दी कि राजीनामा नहीं करोंगे तो तुम्हें भी मार देंगे। यह कहकर वह चलते बने। उसके बाद भाभी बिमला सहित परिजन घर के चौक में सोये हुए थे। वह खुद बाहर गेट पर सो रहा था। रात को करीब 12 बजे गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी। उसने उठकर देखा मुंह पर कपड़ा बांधे हुए कुछ आदमी हथियार से भाभी बिमला पर अंधाधुन गोली चलाकर भाग गए।
भाभी खून से लथपथ पड़ी थी। उसी वक्त पुलिस को सूचना दी। भाभी बिमला का कत्ल करने का आरोप गांव के ही सात नामजद लोगों पर लगाया गया। इसमें विक्रम पपला व विरेंद्र भी शामिल बताए गए थे। आपको बताते चलें कि आरोपित विक्रम पपला वहीं बदमाश है, जिसे महेंद्रगढ़ थाना से उसके साथ अदालत परिसर से छुड़वाकर ले गए थे। बाद में राजस्थान पुलिस ने उसे पकड़ा और बहरोड़ थाना में रखा। बहरोड़ थाना में फायरिंग कर वहां से भी पपला को उसके साथी छुड़वाकर ले गए थे। बाद में राजस्थान पुलिस ने उसे महाराष्ट्र से पकड़ा था। वह अजमेर जेल में बंद था। अभी कुछ दिनों पहले ही उसे नारनौल जेल में शिफ्ट किया था।
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