सिग्नल ऐप बना गैंगस्टरोंं का मददगार : जेल से ही क्राइम की दुनिया को कंट्रोल करते हैं बदमाश, इशारों पर हो रहे मर्डर

सिग्नल ऐप बना गैंगस्टरोंं का मददगार : जेल से ही क्राइम की दुनिया को कंट्रोल करते हैं बदमाश, इशारों पर हो रहे मर्डर
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साइबर क्राइम की ज्यादातर टीमें भी नहीं पकड़ पाती ऐप से बातचीत करने वालों के मोबाइल, केवल दिल्ली पुलिस के पास ऐसे मोबाइल पकड़ने की सुविधा है।

विजय अहलावत : रोहतक

कुख्यात अपराधी जेलों में बंद होकर भी आसानी से क्राइम की दुनिया को कंट्रोल कर रहे हैं। वे एक इशारा करते हैं और उनका काम हो जाता है। यह उनके लिए बाहर से ज्यादा जेल में रहकर करना आसान है। ज्यादातर अपराधी मोबाइल में सिम कार्ड का प्रयोग नहीं करते। वह वाइफाई का इस्तेमाल कर पहले ऐप के जरिए वर्चुअल नम्बर तैयार करते हैं। इसके लिए एक फर्जी ईमेल आईडी बनाई जाती है। जहां ओटीपी आने के बाद नम्बर तैयार होता है। इसके बाद सिग्नल ऐप के जरिये एक दूसरे व्यक्ति से बात की जाती है। इस ऐप को देश में काफी लोग प्रयोग कर रहे हैं। इसके जरिए वीडियो कॉल भी कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि बिश्नोई, काला जठेडी जैसे बड़े गैंगस्टर इसीसे जेल से बाहर लोगाें के संपर्क में रहते हैं। जहां से वह अपना काम करवाते हैं। सिम कार्ड नहीं होने की वजह से पुलिस मोबाइल बरामद नहीं कर पाती। इसके लिए बहुत ही आधुनिक उपकरणों की जरूरत होती है। दिल्ली पुलिस इन मामलों में बिना सिम कार्ड वाले फोन भी बरामद कर लेती है। लेकिन हरियाणा में अभी कहीं कहीं ही यह सुविधा पुलिस के पास है।

सोपू में चुनाव हारे तो बनाया अपना गैंग

पंजाबी गायब सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद एक फिर से लारेंस बिश्नोई चर्चा में है। इससे पहले वह 2018 में राजस्थान में सलमान खान की हत्या की धमकी देने के बाद चर्चा में आया था। लारेंस पंजाब के अबोहर शहर का रहने वाला है। उसके पिता लविंदर सिंह एक पूर्व पुलिस कांस्टेबल हैं। उसने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। लारेंस ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज के चुनाव में भी हिस्सा लिया। लेकिन वह चुनाव हार गया। इसके बाद उसका नाम अपराध की दुनिया में आने लगा। उसने छात्र संगठन सोपु के बैनर तले चुनाव में कई जगह किस्मत आजमाई। इस दौरान हार जीत को लेकर उनकी विरोधी गुट से रंजिश हो गई। जिसमें कई लोगों पर फायरिंग हुई। इसके बाद वह गैंगस्टर बन गया और शहीद भगत सिंह को अपना आदर्श बताते हुए पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के युवाओं को गैंग में शामिल किया। उसका नाम दिल्ली के स्टेडियम में हुई पहलवान की हत्या में भी सामने आया था। इसके बाद वह तिहाड़ में बैठकर गैंग चला रहा है।

हरियाणा की जेलों में मिल रहे मोबाइल

हिसार सेंट्रल जेल में कुख्यात आरोेपित बबलूू बडेसरा के पास से मोबाइल बरामद किया गया है। इससे पहले मार्च माह में भी हिसार जेल में बंदियों के पास से तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए थे। मार्च माह में कैथल जेल में बंद महंत की हत्या के आरोपित के पास मोबाइल मिला था। पानीपत जेल में एक सप्ताह में बंदियों के पास से चार मोबाइल फोन बरामद किए जा चुके हैं। हाल ही में चैकिंग के दौरान रोहतक जेल में बंद आरोपित के पास से मोबाइल फोन बरामद हुआ था। अम्बाला व गुरुग्राम की भौंडसी जेल में भी कैदियों से मोबाइल मिल चुके हैं। अपराधी मोबाइल के जरिये ही गिरोह से संपर्क करते हैं व गवाहों को धमकाने, रंगदारी मांगने जैसी वारदातों को अंजाम दिलवाते हैं।

गोल्डी स्टडी वीजा पर गया था कनाडा

गोल्डी बराड़ के गुनाहों की लिस्ट भी छोटी नहीं है। वह 2017 में स्टडी वीजा पर कनाडा गया था। वह पुलिस की लिस्ट में टॉप गैंगस्टर में शामिल है। उसके पिता पुलिस से सेवानिवृत्त हैं। कोर्ट ने गोल्डी को भगोड़ा घोषित किया हुआ है। पंजाब में 2020 में लारेंस के करीबी की हत्या हुई थी। जिसके बाद गोल्डी बराड़ ने कत्लेआम की धमकी दी थी। फिर 2021 में पंजाब में हुई कांग्रेस नेता की हत्या में भी उसका नाम सामने आया था। कई हत्याओं में नाम आने के बाद उसे अब वापस लाने की तैयारी की जा रही है।

सिद्धू मूसेवाला के मर्डर के बाद लॉरेंस का नाम आया था सामने

गौरतलब है कि 29 मई को पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की मानसा में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद से लाॅरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ का नाम सुर्खियों में है। इससे पहले मुसेवाला को कई बार हत्या की धमकियां दी गई थी। पुलिस इस बात की गहराई से पड़ताल कर रही है क्या लारेंस सिद्धू को मारने वाले शार्प शूटरों के संपर्क में था। साथ ही सोनीपत के गढ़ी सिसाना के आरोपित प्रियव्रत समेत अन्य शूूटरों की तलाश में हरियाणा में कई जगह छापेमारी चल रही हैं।

हर गिरोह की गतिविधियों पर नजरें

सभी फरार अपराधियों की तलाश की जा रही है। इसके अलावा गिरोह की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही हैं। सभी सीआईए और स्पेशल स्टाफ की टीमें कार्रवाई में लगी हुई है। -उदय सिंह मीना, एसपी रोहतक

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