Geeta Phogat बोलीं : प्रदेश में खिलाड़ियों को मिलनी चाहिए बेहतर सुविधाएं

Geeta Phogat बोलीं : प्रदेश में खिलाड़ियों को मिलनी चाहिए बेहतर सुविधाएं
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  • बजरंग पुनिया को फेडरेशन के नियमों के आधार पर ही भेजा एशियन गेम्स खेलने
  • स्कूल में बच्चों को खेलों के लिए मिलना चाहिए बेहतर वातावरण

Rohtak : कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक विजेता व अंतर्राष्ट्रीय पहलवान गीता फौगाट ने कहा कि प्रदेश में खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए। प्रदेश सरकार ने खेल नर्सियां शुरू की है और इसके माध्यम से खिलाड़ियों को सुविधा देने का प्रयास किया है। लेकिन कुछ कमियां रह जाती है, जिनकी तरफ भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। सरकार की खेल नीति काफी कारगर और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने वाली है। गीता फौगाट एक निजी स्कूल में आयोजित तीन दिवसीय खेलों के समापन अवसर पर पहुंची, जिसमें क्रिकेटर शिखर धवन की दा वन स्पोर्ट्स अकादमी की टीम खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रही थी।

उन्होंने बजरंग पुनिया को लेकर पूछे सवाल के जवाब में कहा कि कोई कुछ भी बोल देता है, लेकिन हर बात सही नहीं होती। बजरंग पुनिया ने ओलंपिक से लेकर कॉमनवेल्थ खेलों में देश के लिए मेडल प्राप्त कर देश का मान बढ़ाया है। जहां तक बात है एशियन खेलों में बिना ट्रायल जाने की तो वह फेडरेशन की खेल नीति का हिस्सा है। फेडरेशन अपने नियमों के हिसाब से चलती है, न कि लोगों के हिसाब से। अगर बदलाव करना है तो फेडरेशन करेगी, इसका फैसला किसी पंचायत में नहीं हो सकता। उन्होंने सरकारी स्कूलों में भी खेलों को बढ़ावा देने की पैरवी करते हुए कहा कि जिस प्रकार से सरकार स्कूलों में सुविधाएं बढ़ा रही है। मॉडल संस्कृति स्कूल या पीएम श्री स्कूल बनाकर सरकारी स्कूलों को अपग्रेड किया जा रहा है, निश्चित ही इन स्कूलों से बेहतर खिलाड़ी भी निकलकर आएंगे, जो देश का मान बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों का खेलों के प्रति रूझान बढ़ाने के लिए अभिभावकों को भी बच्चों को प्रोत्साहित करना होगा, तभी देश को अच्छे खिलाड़ी मिलेंगे।

उन्होंने क्रिकेटर शिखर धवन की दा वन स्पोर्ट्स अकादमी के सहयोग से ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल में चले तीन दिवसीय खेल शिविर में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया और करीब 300 से अधिक स्कूलों से आए बच्चों को खेलों के प्रति प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी को मजबूती के साथ मैदान में डटे रहना चाहिए। जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए। उन्होंने कड़ी मेहनत की और देश के लिए मेडल हासिल किया, जिसके कारण आज वह इस मुकाम पर है। जिनसे मिलने के बारे में कभी सपने में भी नहीं सोचा था, आज वो लोग उनसे मिल रहे हैं। यह सब मेहनत का परिणाम है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण शिविर के दौरान स्कूल में करीब आठ से 10 खेलों में बच्चों ने भाग लेकर अपनी प्रतिभा को निखारा है। बच्चों के लिए क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, एथलेटिक्स और तैराकी से सम्बंधित इंटेंसिव कोचिंग सत्र आयोजित किए गए, जिससे प्रतिभागियों को बेहतरीन मार्गदर्शन मिला।

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