जींद में लिंग जांच का भंडाफोड़, 55 हजार में तय हुआ था सौदा

हरिभूमि न्यूज : जींद
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार दोपहर बाद बाल भवन रोड स्थित शशि शर्मा अस्पताल पर लिंग जांच का भंडाफोड किया है। छापेमारी की भनक मिलते ही अस्पताल संचालिका वहां से खिसक गई। छापामार टीम ने अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन तथा कमरे को सील कर दिया है। बताया जाता है कि लिंग जांच के लिए 55 हजार रुपये में सौदा हुआ था।
गर्भवती महिला का न तो रजिस्टर में नाम दर्ज था और न ही एफ फार्म भरा हुआ था और न ही आईडी जमा थी। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम मामले की जांच कर रही है। स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि शशि शर्मा अस्पताल में गर्भ में लिंग की जांच की जाती है। जिसके आधार पर छापेमारी के लिए तानाबाना बुना गया। छापेमारी की कमान खुद सीएमओ डा. मनजीत सिंह ने संभाली। जिसमे सामान्य अस्पताल के नोडल अधिकारी डा. पालेराम को भी शामिल किया गया। 55 हजार की राशि के साथ डिकोए को अस्पताल पर भेज दिया गया। जहां पर महिला का अल्ट्रासाउंड किया गया। छापेमारी की भनक लगते ही अस्पताल संचालिका वहां से खिसक गई। टीम ने जब छापेमारी की तो सात गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड किए जा चुके थे। रजिस्टर में सिर्फ छह गर्भवती महिलाओं का रिकार्ड दर्ज था। जबकि डिकोए का नाम न तो रजिस्टर में दर्ज था और न ही उसका एफ फार्म भरा गया था। न ही डिकोए का आईडी प्रूफ लिया गया था। छापामार टीम ने अल्ट्रासाउंड मशीन तथा कमरे को सील कर दिया। छापेमारी के दौरान पुलिस का सहारा भी लिया गया।
सीसीटीवी खराब, संचालिका को लग चुकी थी भनक
जिस प्रकार से अस्पताल संचालिका अल्ट्रासाउंड करने के बाद अचानक निकल गई उससे साफ जाहिर है कि किसी व्यक्ति ने छापेमारी की सूचना अस्पताल संचालिका को दे दी थी। जिसके चलते वह तेजी से अल्ट्रासाउंड कमरे से निकल गई। जब छापामार टीम ने मौके पर पहुंची तो वह वहां पर मौजूद नहीं थी। छापामार टीम ने जब अस्पताल के सीसी टीवी कैमरों के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि अस्पताल में लगे सीसी टीवी कैमरे खराब हैं। छापेमारी की सूचना किसने दी यह भी एक अपने आप में एक बड़ा सवाल है। जिसकी गहनता से विभाग द्वारा जांच की जानी चाहिए।
सीएमओ डा. मनजीत ने बताया कि लिंग जांच की सौदेबाजी 55 हजार रुपये में हुई थी। जब टीम ने छापेमारी की तो अस्पताल संचालिक वहां से खिसक चुकी थी। अल्ट्रासाउंड मशीन व कमरे को सील कर दिया गया है। अस्पताल में लगे सीसी टीवी कैमरे भी खराब है, अस्पताल के रिकार्ड में जिस महिला का अल्ट्रासाउंड हुआ उसका कोई रिकार्ड दर्ज नहीं है। न ही एफ फार्म भरा गया है और न ही आईडी प्रूफ लिया गया। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम मामले की जांच कर रही है।
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