बहादुरगढ़ : 500 केवीए से अधिक क्षमता वाले जनरेटरों पर लगानी होगी डिवाइस

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़
राजधानी दिल्ली व आसपास लगते शहरों में सर्दियों में प्रदूषण (Pollution) की मात्रा काफी बढ़ जाती है। अब भी प्रदूषण में इजाफा हो रहा है। इसे देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution control board) की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बोर्ड ने अब 500 केवीए या इससे ज्यादा क्षमता वाले जनरेटर (Generator) पर रेट्रोफिट एमिशन कंट्रोल डिवाइस लगाने अनिवार्य कर दिए हैं। इससे जनरेटरों से होने वाले प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। इस संबंध में विभाग की ओर से उद्योगों को सूचित कर दिया गया है।
पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली एनसीआर में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। सर्दियों में तो हालात गंभीर हो जाती है। ट्रैफिक, औद्योगिक इकाइयों की चिमनियां और पराल जलाने को प्रदूषण को बड़ा कारण माना जाता है। जनरेटर भी प्रदूषण बढ़ने की एक बड़ी वजह है।
बहादुरगढ़ में हजारों छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। इनमें से कई ऐसी बड़ी इकाइयां हैं, जहां बड़े जनरेटर लगे हुए हैं। बिजली आपूर्ति जाने के बाद इन्हीं जनरेटरों का इस्तेमाल होता है, जिससे पर्यावरण में प्रदूषण की बढ़ोतरी होती है। अब चूंकि सर्दी ने लगभग दस्तक दे दी है तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी अपनी तरफ से तैयारियां शुरू कर दी हैं। इससे उद्योगपतियों को भी लाभ होगा। इसके इस्तेमाल से फ्यूल की खपत 70 फीसदी कम हो जाती है और गैस के रूप में परिवर्तित होकर काम करता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने उद्यमियों से ज्यादा से ज्यादा गैस आधारित जनरेटरों का इस्तेमाल करने के आदेश दिए हैं। सीपीसीबी के अनुसार, फरीदाबाद, गुरुग्राम, बहादुरगढ़, सोनीपत और पानीपत को आगामी तीन महीने तक रेट्रोफिट एमिशन सिस्टम का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। उधर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आरओ संदीप सिंह ने कहा कि प्रदूषण पर नियंत्रण बनाए रखना ही बोर्ड का प्रयास रहता है। लोगों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए, इससे सभी को लाभ होगा। जनरेटरों पर रेट्रोफिट एमिशन कंट्रोल डिवाइस लगाने के आदेशों के बारे में उद्यमियों को जानकारी दी जा रही है। सभी को इसका पालन करना होगा।
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