हरियाणा दिवस पर सौगात : रोहतक PGI में आज से प्लेयर्स को 24 घंटे मिलेंगी इमरजेंसी सेवाएं, देश में ऐसा पहला संस्थान

हरिभूमि न्यूज : रोहतक
हरियाणा के रोहतक स्थित पीजीआईएमएस में इमरजेंसी स्पोर्ट्स मेडिसन सर्विस एक नवंबर से शुरू हो जाएंगी। पीजीआईएमएस रोहतक देश का ऐसा पहला संस्थान बन गया है, जहां खिलाड़ियों को आपातकालीन खेल चिकित्सा सेवाएं अब 24 घंटे मिलेंगी। हरियाणा दिवस पर एक नवंबर से रोजाना ट्रॉमा सेंटर में खेल चिकित्सा विभाग के डॉक्टर बैठेंगे। यहां सिर्फ चोटिल खिलाड़ियों का ही इलाज किया जाएगा। उन लोगों का इलाज भी होगा जिन्हें खेल के दौरान चोट लगी हों। बता दें कि देश में करीब 8 या 9 संस्थानों में स्पोर्ट्स मेडिसन डिपार्टमेंट हैं। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल, तमिलनाडू, इम्फाल और पीजीआईएमएस रोहतक आदि जगहों पर खिलाड़ियों के लिए अलग से चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध है।
ये फायदा होगा
अब तक चोटिल खिलाड़ी इमरजेंसी में आता था तो उसका इलाज हड्डी रोग विभाग के डॉक्टर्स ही करते थे। भीड़ ज्यादा होने के कारण वे चोट पर फोकस नहीं कर पाते थे। अब ट्रॉमा सेंटर में खिलाडि़यों के स्पेशल डॉक्टर बैठेंगे। इससे खिलाडि़यों की चोट पर विशेषज्ञ डॉक्टर फोकस कर सकेंगे। उन्हें स्पेशल केयर मिलेगी। सही समय पर उचित उपचार मिलने से खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निखार आएगा।
रोज 50-60 खिलाड़ी आते हैं
पीजीआईएमएस में 2019 में खेल चिकित्सा विभाग बनकर तैयार हुआ था। इसके अंतर्गत स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर काम कर रहा है। फिलहाल इस विभाग में डॉक्टर्स समेत 10 लोगों का स्टाफ है। खेल चिकित्सा विभाग की ओपीडी में हर रोज 50-60 खिलाड़ी इलाज करवाने आते हैं। हर सप्ताह करीब 3 ऑपरेशन भी किए जाते हैं।
सिर्फ इन्हें मिलेगा इलाज
इमरजेंसी स्पोर्ट्स मेडिसन सर्विस के तहत ट्रॉमा सेंटर में खिलाडि़यों का तो इलाज होगा ही। साथ ही ऐसे सामान्य लोगों का इलाज भी किया जो बताएंंगे कि उन्हें खेल के दौरान चोट लगी है। झगड़े व दुर्घटनाओं में घायलों के लिए दूसरे डॉक्टर ही सेवाएं देंगे।
स्पेशल डॉक्टर बैठेंगे
चोटिल खिलाड़ियों के लिए ट्रामा सेंटर में स्पेशल डॉक्टर बैठेंगे। घायलों का इलाज इमरजेंसी में विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा किया जाएगा। - डॉ. एस.एस. लोहचब निदेशक, पीजीआईएमएस, रोहतक
खिलाड़ियों को लाभ
यह सेवा खिलाड़ियों के लिए शुरू की गई है। अब खिलाड़ियों के डॉक्टर 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे। खेल जगत से जुड़े लोगों को बड़ा फायदा होगा। - डॉ. ईश्वर, चिकित्सा अधीक्षक पीजीआईएमएस, रोहतक
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