अनूठी मिसाल : कैंसर पीड़िता के लिए बच्ची ने दान कर दिए अपने बाल

अनूठी मिसाल : कैंसर पीड़िता के लिए बच्ची ने दान कर दिए अपने बाल
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इन बालों की विग बनाकर किसी भी उम्र के कैंसर पीड़ित को लगाई जाती है। संस्था ने जिया को इस काम के लिए ऑनलाइन सर्टिफिकेट देकर सम्मानित भी किया। जिया की मां ने बताया कि उनके ससुर कैंसर पेशेंट थे, जिया की उनकाे ये श्रद्धांजलि है।

पंकज भाटिय : रोहतक

सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है, इसी बात को सार्थक करते हुए रोहतक की बेटी ने कैंसर पीड़ित के लिए अपने बाल दान कर एक अनूठी मिसाल पेश की है। गोहाना अड्डा निवासी 13 वर्षीय जिया वाही ने तमिलनाडू के लखमीपुरम की एक संस्था को 19 अक्टूबर को कोरियर से बाल भेज दिए हैं।

ये संस्था उन कैंसर पीड़िता के लिए विग बनाती है जिनके इस बीमारी की वजह से बाल चले जाते हैं। कोई भी डोनेटर अगर अपने बाल देना चाहता है तो उसे 10 इंच से उपर बाल देने होते हैं। इसके बाद इन बालों की विग बनाकर किसी भी उम्र के कैंसर पीड़ित को लगाई जाती है। संस्था ने जिया को इस काम के लिए ऑनलाइन सर्टिफिकेट देकर सम्मानित भी किया। जिया की मां ने बताया कि उनके ससुर कैंसर पेशेंट थे, जिया की उनकाे ये श्रद्धांजलि है। बता दें कि जिया स्कॉलर रोजरी स्कूल में आठवीं कक्षा की छात्रा है।

जिया जब बाल कटवाकर अपने स्कूल गई तो उनकी टीचर ने उनसे बाल कटवाने का कारण पूछा। जिया ने जब उन्हें बताया कि उसने कैंसर पीड़ित को अपने बाल डोनेट किए हैं तो टीचर ने जिया की मां को फोन किया और उनका हौंसला बढ़ाया। साथ ही कक्षा में भी तालियां बजाकर उसे सम्मानित किया गया। जिया ने कहा कि अब वह बाल डोनेट करने के लिए दूसरों को भी जागरूक करेंगी।

घायल कबूतर की भी बचाई थी जान, करवाया इलाज

सेवा की भावना जिया में शुरू से ही है। एक बार गली में कबूतर डोर में फंसकर घायल होकर गिर गया। बेटी ने कबूतर उठाया और उसे हल्दी लगाई। उसकी फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड की और लिखा कि चिकित्सक का नंबर बताएं ताकि इसका इलाज करवाया जाए। इसके बाद लोगाें ने नंबर दिए। जिया के पिता वैश्य कॉलेज के पास शिवालय मंदिर ले गए। जहां उसका इलाज किया गया। शाम को जिया दोबारा मंदिर गई और देखा कि ईलाज के बाद कबूतर ठीक है। बता दें कि जिया छत पर पक्षियों के लिए दाना भी डालती है।

इंटरनेट से मिली जानकारी

संस्था की जानकारी इंटरनेट से मिली। एक फिल्म में जिया ने देखा कि सैलून वाले बालों को बेचकर उनका व्यापार करते हैं। उसने मम्मी से कहा कि मैं अपने बाल ऐसी जगह दान करूंगी जहां ये किसी के काम आएं। जिसके बाद इंटरनेट से जानकारी जुटाई गई और सोनीपत की एक महिला से संपर्क किया गया जिसने अपने बाल तमिलनाडू में एक संस्था को दिए जो कैंसर पेशेंट के लिए विग बनाती है। वहां से पता लिया गया और बाल भेजे।

पॉकेट मनी से जरूरतमंदों की मदद : जिया की मम्मी भी समाजसेविका हैं। कोरोना की पहली लहर में जिया ने अपनी जेब खर्ची से मास्क, सेनिटाइजर बांटे। इसके लिए प्रशासन ने जिया को सम्मानित भी किया। आज भी जिया अपनी जेब खर्ची जरूरतमंदों की मदद करने में लगाती हैं।

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