ग्लैंडर्स भी पसार रहा पांव, दो घोड़ाें में संक्रमण की पुष्टि

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़
कोरोना महामारी के साथ-साथ ग्लैंडर्स वायरस भी पांव पसार रहा है। बहादुरगढ़ के गांव बामड़ोली से भेजे गए खच्चरों और घोडों के सेंपल की रिपोर्ट आ गई है। दोनों में संक्रमण की पुष्टि हो गई है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पशुपालन विभाग ने सरकार से इन दोनों संक्रमितों को वैज्ञानिक तरीके से मारने के लिए अनुमति मांगी है। अनुमति के बाद विभाग आगे की कार्रवाई करेगा।
दरअसल, इन दिनों घोड़े की प्रजातियों वाले पशुओं में ग्लैंडर्स नाम का संक्रमण फैल रहा है। यह संक्रमण बेहद खतरनाक है। इसकी चपेट में आने से पशुओं की मौत होने की आशंका रहती है। संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने से इंसान भी प्रभावित हो सकते हैं। अप्रैल माह के पहले सप्ताह में गांव बामड़ोली स्थित एक ईंट भट्ठे पर काम में लगाए गए खच्चर में यह संक्रमण पाया गया था। इसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए पशु पालन विभाग ने बामड़ोली के ईंट भट्ठे पर सैपलिंग की। बामड़ोली के पांच किलोमीटर में प्रत्येक अश्व प्रजाति के पशु की जांच की गई। इसके अलावा बहादुरगढ़ के 20 किलोमीटर दायरे मंे भी रेंडम जांच कर सेंपल लिए गए। कुल 144 सेंपल लिए गए थे। इन्हें हिसार स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र भेजा गया था। तमाम 144 केसों में से दो केसों की रिपोर्ट संदिग्ध आई थी।
पशु पालन विभाग की टीम ने दोनों पशुओं के दोबारा सेंपल लेकर हिसार स्थित अश्व अनुसंधान केंद्र में भेजे। इसके बाद वहां से एक टीम निरीक्षण के लिए भट्ठे पर आई। टीम ने गहन जांच की और सेंपलिंग की। जांच के दौरान संक्रमण की पुष्टि हो गई। संक्रमण की पुष्टि होने के बाद विभाग ने आगे की कार्रवाई शुरू की। ग्लैंडर्स और ज्यादा न फैले, इसलिए इन दोनों पशुओं को वैज्ञानिक तरीके से बिना दर्द दिए मारा जाएगा और सुरक्षित तरीके से दफनाया जाएगा। इसी लिए विभाग की ओर से पंचायत, पशु मालिक और पुलिस को इस स्थिति से अवगत कराया जा चुका है। इसके अलावा इन पशुओं को मारने की परमिशन सरकार से मांगी है। फिलहाल परमिशन मिली नहीं है। मिलने के बाद ही विभाग अगली कार्रवाई करेगा।
एसडीओ रवींद्र सिंह ने कहा कि दो खच्चरों में ग्लैंडर्स की पुष्टि हुई है। इन्हें वैज्ञानिक तरीके से इंजेक्शन के जरिये मुक्ति दी जाएगी। अभी सरकार से अनुमति मिली नहीं है। पशु मालिक को मुआवजा देने का भी प्रावधान है। फिलहाल संक्रमित पशुओं की निगरानी की जा रही है। लोगों को भी कह दिया गया है कि दोनों पशुओं के संपर्क में न आएं।
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