Golden Boy का महाराजाओं की तरह स्वागत : थ्री लेयर सुरक्षा के बीच घर पहुंचे नीरज चोपड़ा, हल्दाना बार्डर से खंडरा तक गूंजा एक ही नाम, गांव में लगाए थे सात बड़े एलईडी

Golden Boy का महाराजाओं की तरह स्वागत : थ्री लेयर सुरक्षा के बीच घर पहुंचे नीरज चोपड़ा, हल्दाना बार्डर से खंडरा तक गूंजा एक ही नाम, गांव में लगाए थे सात बड़े एलईडी
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टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का मान बढाने वाले नीरज चोपड़ा का काफिला सुबह करीब आठ बजे पानीपत के हल्दाना बार्डर पर पहुंचा, जहां से उनके काफिले को गांव तक पहुंचने में करीब पांच घंटे लग गए।

पानीपत। गोल्डन ब्वॉय भारतीय थल सेना के सूबेदार नीरज चोपड़ा का मंगलवार की सुबह पानीपत की धरती पर पहुंचने पर बदशाहों जैसा भव्य स्वागत हुआ। नीरज के इंतजार में पानीपत के हल्दाना बार्डर से लेकर उनके गांव खंडरा तक लाखों लोग खड़े रहे। नागरिकों ने नीरज को आर्शीवाद देकर, पुष्प वर्षा कर, हाथ मिला कर, तोहफे भेंट कर, नारे लगा कर, ढोल की थाप व बैंड की धुनों पर नृत्य कर ऐसा स्वागत किया जिस का नीरज को भी अनुमान नहीं रहा होगा।

नीरज का पांच घंटों तक लगातार चला स्वागत

जापान की राजधानी टोक्यो से सबसे लंबी दूरी का भाला फैंक कर गोल्ड मेडल जीत कर दुनिया में भारत का मान बढाने वाले गोल्डन ब्वॉय नीरज का काफिला सुबह करीब आठ बजे पानीपत के हल्दाना बार्डर पर पहुंचा, यहां पर नागरिकों ने नीरज का जोरदार स्वागत किया। बडी संख्या में महिलाएं भी नीरज को आर्शीवाद देने के लिए जीटी रोड पर पहुंची थी। नीरज ने जहां युवाओं का हाथ मिला कर अभिवादन स्वीकार किया, वहीं महिला व बुजुर्गों के आगे हाथ जोड कर सिर झुका कर उनका आर्शीवाद लिया। जहां नागरिकों ने नीरज का स्वागत करने में जोश दिखाया, वहीं नीरज ने भी स्वागत करने वालों का पूरे जोश के साथ सम्मान किया।

समालखा व पानीपत शहरों में लगे तीन घंटे

नीरज चोपडा का समालखा शहर में नागरिकों ने जोरदार स्वागत किया। बडी संख्या में नागरिक पहले से ही नीरज के स्वागत के लिए जीटी रोड किनारे डटे हुए थे। समालखा में स्वागत कार्यक्रम में एक घंटे से अधिक समय लग गया। जबकि पानीपत में दो घंटों तक नीरज चोपडा अपने स्वागत में खडे नागरिकों का अभिवादन हाथ जोड कर सिर झुका कर स्वीकार करते रहे। पानीपत में जीटी रोड, अंसध रोड पर दोनों ओर हजारों लोगों ने नीरज का स्वागत किया। स्वागत में उमडी भीड का आलम यह था कि जीटी रोड व असंध रोड पर यातायात जाम जैसे हालात पैदा हो गए। पुलिस को यातायात सुचारू कराने में कडी मशक्कत करनी पडी। वाहनों में सवार लोगों ने भी हाथ हिला कर नीरज का स्वागत किया।

खुखराना के ग्रामीणों ने चांदी का भाला भेंट किया

पानीपत थर्मल के पास स्थित गांव खुखराना के ग्रामीणों ने नीरज चोपडा को 300 ग्राम चांदी से निर्मित भाला भेंट किया। वहीं ग्रामीणों ने नीरज के सम्मान में गगनभेदी नारे लगाए और बुजुर्गों ने नीरज के सिर पर हाथ रख कर उसे उज्ज्वल भविष्य का आर्शीवाद दिया। जबकि बाल निकेतन के टीचरों व विद्यार्थियों ने पुष्प वर्षा का नीरज का स्वागत किया। स्मरणीय है कि नीरज ने इसी स्कूल में शुरूआती शिक्षा ग्रहण की थी। जबकि भालसी चौक पर चौ. प्रेम सिंह भालसी व नवीन नैन भालसी के नेतृत्व में हजारों ग्रामीणों ने नीरज पर पुष्प वर्षा कर उसका जोरदार स्वागत किया।

नीरज के स्वागत को कई राज्यों के लोग पहुंचे खंडरा

गोल्ड ब्वॉय नीरज को बधाई, सम्मान, आर्शीवाद व तोहफे देने के लिए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान से भी बडी संख्या में नागरिक बसों व अपने निजी वाहनों में सवार होकर मंगलवार की सुबह ही गांव खंडरा पहुंच गए थे। दूसरे राज्यों से आए नागरिकों का नीरज के परिजनों ने जोरदार स्वागत किया। जबकि नीरज, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान से आए नागरिकों से दिल खोल कर मिले और उनसे आर्शीवाद लिया।

कड़ी सुरक्षा में घिरे रहे नीरज चोपड़ा

गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा दिल्ली से लेकर अपने गांव खंडरा आने तक कड़ी सुरक्षा के बीच रहे। नीरज को थ्री लेयर सुरक्षा दी गई। स्वागत के दौरान नीरज को दी गई खाने की वस्तु का सेवन नहीं करने दिया और जनता से मिले तोहफे भी सुरक्षा कर्मियों की देखरेख में ही वाहनों में रखे गए। नीरज की सुरक्षा में जहां दिल्ली से ही सुरक्षा कर्मी आए थे, वहीं व्यवस्था बनाए रखने को भी समालखा, पानीपत, मतलौडा में डीएसपी रैंक के अधिकारी सक्रिय रहे।

लोगों को खिलाए लजीज व्यंजन

नीरज चोपडा का जहां नागरिकों ने जोरदार स्वागत किया, वहीं नीरज के परिजन भी नीरज को आर्शीवाद देने पहुंचे नागरिकों के स्वागत में पीछे नहीं हटे। नीरज के परिजनों ने करीब 30 हजार नागरिकों के भोजन का प्रबंध किया था। नीरज के घर से लगती तीन गलियों में टैंट लगा कर आगमन करने वाले नागरिकों के लिए भोज का जबरदस्त प्रबंध किया था। जबकि स्वागत समारोह देखने के लिए सात बड़े एलईडी लगाए गए थे। नीरज के खानदान के सदस्य भोज प्रबंध की देखरेख करते रहे और हाथ जोड कर आगमन करने वालों से भोजन का सेवन करने की प्रार्थना करते रहे।

परिवार की महिलाएं घर के अंदर ही रही

नीरज के परिवार की महिलाएं उसके स्वागत समारोह के लिए स्टेज पर नहीं आई, बल्कि घर पर ही रही। परिवार की महिलाओं ने मीडिया से भी दूरी बना कर रखी। जबकि नीरज के गोल्ड जीतने वाले दिन से लेकर अगले कई दिनों तक नीरज के परिवार की महिलाओं ने मीडिया से खुल कर बातचीत की थी। वहीं ऐसा संभव है कि नीरज के स्वागत में उमडी भीड के चलते महिलाओं को मंच से दूर रखा गया हो।

नीरज को गर्मी व थकान से चक्कर आए

अपने पैतृक गांव खंडरा में चल रहे स्वागत समारोह के दौरान नीरज को चक्कर आ गए। उन्हें उपायुक्त सुशील व वहां मौजूद सुरक्षा कर्मी अपने वाहन में बैठा कर पानीपत के उपायुक्त कैंप कार्यालय ले गए। यहां पर डॉक्टरों की टीम ने नीरज चोपडा के स्वास्थ्य की गहन जांच की। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उमस भरी गर्मी, सात आठ घंटों तक लगातार सक्रिय रहने के चलते नीरज को थकान के कारण हलके चक्कर आए थे। वहीं नीरज को तत्काल उपचार देकर शारीरिक रूप से फिट कर दिया गया।

भारतीयों के प्रेम व आर्शीवाद से जीत पाया गोल्ड मेडल : नीरज

नीरज चोपडा ने कहा कि भाला फैंकने में मेरे द्वारा जीता गया गोल्ड मेडल, भारत का है, देश के हर नागरिक का है। भारत के हर नागरिक से मिले प्रेम के बल पर ही मैं, गोल्ड मेडल जीत सका। भारत के हर नागरिक से दिल से मेरे लिए निकली दुआओं के कारण ही मैं, गोल्ड मेडल जीत सका। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में मेरे से भी अधिक प्रतिभाशाली खिलाडी मेरे मुकाबले में थे। वहीं, मैंने प्रतिद्वंद्वी खिलाडियों से मुकाबला किया और भारत के हर नागरिक की दुआ के बल व मिले स्नेह के बल पर ही मैं, जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीत सका। वहीं स्वागत कार्यक्रम में हरियाणा के ग्रामीण अंचल की ओर से नीरज को पगडी पहना कर उज्ज्वल भविष्य का आर्शीवाद दिया गया।

नीरज ने कहा कि वे देश ही नहीं बल्कि दुनिया के विभिन्न देशों के लोगों से मिले प्रेम व स्नेह के हमेशा ऋणी रहेंगे और उनका प्रयास रहेगा कि वे भविष्य में भी देश के लिए गोल्ड मेडल जीत सकें। नीरज ने अपने जोरदार स्वागत के लिए सभी का हाथ जोड कर सिर झुका कर आभार जताया। दूसरी ओर, नीरज चोपडा अपने स्वागत समारोह में और भी बातें कहना चाहते थे, लेकिन सेहत नाशाद होने के चलते वे अधिक समय तक संबोधन नहीं कर सके।



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