किसानों के लिए खुशखबरी : धान की जमीन खाली छोड़ने पर भी प्रति एकड़ मिलेंगे 7 हजार रुपये, जानिए क्या करना हाेगा

किसानों के लिए खुशखबरी : धान की जमीन खाली छोड़ने पर भी प्रति एकड़ मिलेंगे 7 हजार रुपये, जानिए क्या करना हाेगा
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हरियाणा सरकार ने पानी की बचत को लेकर इस वर्ष के लिए फसल विविधिकरण योजना जारी कर दी है। बड़ी बात यह है कि जो किसान धान की जमीन को खाली छोड़ता है तो भी उसे 7 हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।

हरिभूमि न्यूज : फतेहाबाद

हरियाणा सरकार ने पानी की बचत को लेकर इस वर्ष के लिए फसल विविधिकरण योजना जारी कर दी है। मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत अब जो किसान धान की जगह कम पानी की खपत वाली अन्य फसल की बिजाई करेगा, उसे सरकार 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देगी। बड़ी बात यह है कि जो किसान धान की जमीन को खाली छोड़ता है तो भी उसे 7 हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।

प्रदेश सरकार ने मेरा पानी-मेरी विरासत स्कीम के तहत उन किसानों को 7 हजार रुपये देने का निर्णय लिया है जो किसान धान के बदले में मक्का, कपास, अरहर, मूंग, मोठ, उड़द, ग्वार, सोयाबीन, तिल, अरंड, मूंगफली, चारा, खरीफ प्याज, बागवानी व सब्जियां उगाएगा। इस बार की सबसे बड़ी बात यह है कि जो किसान धान वाली जमीन को खाली छोड़ता है तो उसे भी 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि मिलेगी।

मेरा पानी-मेरी विरासत स्कीम के तहत पंजीकरण करवाना जरूरी

इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसान को मेरा फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर मेरा पानी-मेरी विरासत स्कीम के तहत पंजीकरण करवाना जरूरी होगा। पंजीकरण प्रक्रिया 15 मई से शुरू होगी जोकि 30 जून तक चलेगी। पंजीकृत किसानों को क्षेत्र का सत्यापन कृषि विकास अधिकारी, पटवारी, नंबरदार की संयुक्त टीम द्वारा किया जाएगा। जिन किसानों ने पिछले वर्ष इसका लाभ लिया था, वह किसान इस बार भी योजना का दोबारा लाभ ले सकते हैं। मालूम हो कि इस बार फतेहाबाद में 9 हजार एकड़ कपास, 50 एकड़ खरीफ दालें, 50 एकड़ खरीफ तिलहन, 500 एकड़ खाली जमीन, 258 एकड़ मक्का व 938 एकड़ बागवानी, सब्जियांे का लक्ष्य रखा गया है। बीते वर्ष इस योजना के तहत किसानों ने 7118 एकड़ क्षेत्र में फसल विविधिकरण अपनाया था।

क्या कहते हैं अधिकारी

सरकार ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत उन किसानों को 7 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है जो किसान अपनी धान वाली जमीन को खाली छोड़ेंगे या उस पर कम पानी वाली अन्य फसल की बिजाई करेंगे। इस बार फतेहाबाद में करीब 11 हजार एकड़ में फसल विविधिकरण का लक्ष्य रखा गया है।

- डॉ. राजेश सिहाग, डीडीए फतेहाबाद

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