भूमि विकास बैंक से जुड़े किसानों के लिए खुशखबरी : अब ब्याज राशि में 50 फीसद व जुर्माना राशि में 100 फीसद तक मिलेगी छूट

भूमि विकास बैंक से जुड़े किसानों के लिए खुशखबरी : अब ब्याज राशि में 50 फीसद व जुर्माना राशि में 100 फीसद तक मिलेगी छूट
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जिला महेंद्रगढ़ प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के चेयरमैन सुनील यादव (Sunil yadav) तथा बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय यादव ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में भूमि विकास बैंक का 13143 किसानों पर 360 करोड़ 38 लाख 48 हजार रुपए ऋण बकाया है।

हरिभूमि न्यूज, नारनौल। भूमि विकास बैंक के उपभोक्ताओं (किसानों) को सरकार ने दिवाली पर ब्याज व जुर्माना माफी का तोहफा (gift) दिया है। जिसके तहत भूमि विकास बैंक से जुड़े किसान 31 दिसंबर तक बैंक का ऋण एक मुश्त जमा करवाकर ब्याज राशि में 50 प्रतिशत व जुर्माना राशि में 100 प्रतिशत छूट लाभ ले सकते है।

सरकार की इस योजना से जिले के 13 हजार से अधिक किसानों को लाभ होगा। इसलिए जिले के भूमि विकास बैंक के ऋणी किसान सरकार की इस योजना का लाभ उठाकर कर्ज मुक्त हो सकते है। इसके बाद योजना की अवधि समाप्त होने पर ऋणी किसानों को सरचार्ज व ब्याज सहित ऋण की पूरी राशि अदायगी करनी पड़ेगी।

इस बारे में जिला महेंद्रगढ़ प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के चेयरमैन सुनील यादव तथा बैंक (Bank) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय यादव ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में भूमि विकास बैंक का 13143 किसानों पर 360 करोड़ 38 लाख 48 हजार रुपए ऋण बकाया है। जिसमें से 193 करोड़ 80 लाख 6 हजार रुपए ब्याज राशि व 32 करोड़ 99 लाख 90 हजार रुपए जुर्माना राशि शामिल है।

प्रदेश सरकार की ब्याज माफी योजना के तहत प्रदेश सरकार व बैंक ने उपभोक्ताओं की 96 करोड़ 90 लाख 3 हजार रुपए ब्याज माफी व 32 करोड़ 99 लाख 90 हजार रुपए की जुर्माना राशि माफ करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि ऋणी किसान बैंक में आकर अपना हिसाब तैयार कर 50 प्रतिशत ब्याज राशि व 100 प्रतिशत जुर्माना राशि की छूट लाभ उठाकर शेष राशि एक मुश्त जमा कराकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

उन्होंने बताया कि यह कल्याणकारी योजना 31 दिसंबर 2020 तक लागू रहेगी। इसलिए किसान इस अवधि के दौरान बैंक की शाखा में आकर अपना हिसाब-किताब तैयार करवाकर एक मुश्त राशि जमा करवा योजना का लाभ ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना की अवधि बीत जाने यानि 31 दिसंबर के बाद किसानों को ब्याज व जुर्माना (पेनेल्टी) सहित ऋणी राशि की अदायगी करनी होगी। ऐसे में इस योजना की अवधि बीत जाने के बाद उनके हाथ पछतावे के अलावा कुछ हाथ नहीं लगेगा।



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