विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी : पटौदी में खोला जाएगा डिग्री कॉलेज

विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी : पटौदी में खोला जाएगा डिग्री कॉलेज
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Cm Manohar Lal) ने पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता की मांग पर पटौदी में डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता की मांग पर पटौदी में डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा करते हुए कहा कि हम केवल माध्यम मात्र हैं, सरकार का पैसा समाज का पैसा है। यह समाज के लिए है समाज के काम ही आना चाहिए। वे शनिवार को देर सायं पटौदी में आश्रम हरिमंदिर के संचालक महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव के षष्ठिपूर्ति महोत्सव में उन्हें शुभकामनाएं देने पहुaचे थे।

मुख्यमंत्री ने उनके स्वागत कार्यक्रम के उपरांत अपने संबोधन में कहा कि संतों के जीवन में जन्मदिन या कोई विशेष उपलक्ष्य का प्रसंग नहीं होता है। उनका एक सहज महत्व होता है क्योंकि उनका जीवन इन उपलक्ष्यों से इतना ऊपर उठ चुका होता है कि संतों को उनकी शारीरिक आयु के बजाय उनके विचारों का जो प्रभाव है, उसके कारण उनको समाज में पूजा जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विभाजन के समय शहीद हुए लाखों लोगों की स्मृति में स्वामी धर्मदेव जी के संरक्षण में पंचनंद शहीद स्मारक ट्रस्ट का संचालन किया जा रहा है। यह संयोग ही है कि आजादी के अमृत महोत्सव के इस वर्ष में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विभाजन के समय शहीद हुए लोगों की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस मनाने को घोषणा की है। इन दोनों में काफी समानताएं है। उन्होंने कहा कि मैंने स्वामी धर्मदेव जी से निवेदन किया है कि उपरोक्त ट्रस्ट के पीपली स्थित शहीद स्मारक स्थल पर 14 अगस्त, 2022 को विभाजन विभीषिका दिवस के मौके पर एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाए जिसमें प्रधानमंत्री जी को आमंत्रित किया जाएगा।

स्वामी धर्मदेव ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक राजनेता व राजतंत्र की नई परिपाटी की स्थापना कर समाज को एक नई दिशा दिखाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि दूसरों की सेवा निःस्वार्थ भाव से करना और इस सेवा के बदले में कुछ भी पाने की इच्छा नहीं रखना, यही सच्ची सेवा है। मुख्यमंत्री संतों द्वारा दिखलाए गए इस पथ पर निःस्वार्थ भाव से आगे बढ़ रहे है। समाज के कल्याण व वंचितों के उत्थान के लिए उनके द्वारा बनाई गई कल्याणकारी नीतियां अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।


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