हरियाणा सचिवालय के चौथे फ्लोर से होंगे सरकारी कामकाज

योगेंद्र शर्मा : चंडीगढ़
हरियाणा में 2 दिन पहले चली तबादलों की बयार के बाद अब सूचना विभाग लंबे अरसे के बाद हरियाणा सचिवालय के चौथे तल से चलेगा। दो दिन पहले दो दर्जन आईएएस अफसरों के तबादलों की सूची में यह बदलाव हुआ है। अब हरियाणा सूचना विभाग से महानिदेशक सूचना विभाग पीसी मीणा से जिम्मेदारी लेकर चौथे फ्लोर पर बैठने वाले अतिरिक्त पीएससीएम अमित अग्रवाल को दिया गया है।
दूसरी तरफ सीएमओ मुख्यमंत्री ऑफिस में सूचना विभाग की जिम्मेदारी डिप्टी पीएस सीएम आशिमा बराड़ के कंधों पर रहेगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ऑफिस में प्रधान सचिव वी उमाशंकर के पास भी यह विभाग रहेगा। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री ऑफिस चौथे फ्लोर के अधिकारियों के पास जिम्मेवारी होने के कारण तमाम काम का चौथे फ्लोर से चलेगा। सीएम के पूर्व प्रधान सचिव आरके खुल्लर के पास भी यह जिम्मेदारी रही है। इसके अलावा लंबे समय पहले यह जिम्मेवारी पूर्व की चौटाला सरकार में भी चौथे फ्लोर के अफसरों पर रही थी। 2 दिन पहले बड़े प्रशासनिक बदलाव के बाद सूचना विभाग पर इस फेरबदल का अच्छा खासा प्रभाव पड़ा है।
हालांकि हरियाणा राज्य सूचना विभाग में बतौर सूचना महानिदेशक जिम्मेदारी संभाल रहे पीसी मीणा वरिष्ठ आईएएस अधिकारी तबादले की सूची आने से चंद घंटे पहले भी सूचना विभाग के कामों में व्यस्त रहे। पीसी मीणा विभाग की मीटिंग के साथ-साथ हरियाणा राज्य मान्यता प्राप्त पत्रकार की चीफ एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग लेने पंचकूला के रेड बिशप मोटल में भी मौजूद रहे। कुल मिलाकर उनके मीडिया से बेहतर संबंध और खुले दिल से मीडिया के लोगों से मिलने वाले पीसी मीणा के जाने के बाद चौथे फ्लोर पर अधिकारियों से मिलने की इच्छा रखने वालों को खासी दिक्कत उठानी पड़ सकती है। मान्यता को लेकर हुई मीटिंग के दौरान भी वरिष्ठ पत्रकारों ने मीडिया के सामने आ रही चुनौतियां और कई तरह की दिक्कतें हरियाणा सूचना विभाग के डीजी के सामने रखी थीं।
काडर की पोस्टों पर आईपीएस लगाने का मामला
हरियाणा में काडर की पोस्टों पर आईपीएस अफसरों को लगाने को लेकर भी अच्छा खासा विवाद व चर्चा बनी रही है। इस संबंध में हरियाणा के चर्चित आईएएस अधिकारी अशोक खेमका नियमों के उल्लंघन को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्राचार भी कर चुके हैं। इन पत्रों में आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति नियम विरुद्ध कर दिए जाने को लेकर उन्होंने सवाल उठाए हैं। कुल मिलाकर राज्य की सरकार किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए नए प्रयोग से दूरी बनाने की रणनीति तैयार कर चुकी है। कुल मिलाकर आने वाले दिनों में हरियाणा सिविल सर्विस और पुलिस अधिकारियों की भी सूची आने के कयास लगाए जा रहे हैं।
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