Governor सत्यदेव नारायण आर्य बोले, सकल घरेलू उत्पाद का छह फीसद हिस्सा अब शिक्षा के लिए निर्धारित

Governor सत्यदेव नारायण आर्य बोले, सकल घरेलू उत्पाद का छह फीसद हिस्सा अब शिक्षा के लिए निर्धारित
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राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि नई शिक्षा नीति में पहले से ही सकल घरेलू (household) उत्पाद का 6 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा क्षेत्र के लिए तय किया गया है। ऐसा देश में पहली बार हुआ है।

चंडीगढ़

हरियाणा के राज्यपाल (Governor) सत्यदेव नारायण आर्य ने शिक्षाविदों को आश्वस्त किया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अनुसंधान, अन्वेषण तथा जीविकोपार्जन से सम्बन्धित अध्ययन कार्य को गति देने के लिए धन की कमी आड़े नहीं आएगी। नई शिक्षा नीति में पहले से ही सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा क्षेत्र के लिए तय किया गया है। ऐसा देश में पहली बार हुआ है।

राज्यपाल आर्य शुक्रवार को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राजभवन में आयोजित चार दिवसीय डिजिटल (Digital) कॉन्कलेव के समापन अवसर पर बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में दर्जनभर विश्वविद्यालयों के कुलपति व शिक्षाविद उपस्थित थे। शेष विश्वविद्यलायों व शिक्षण संस्थाओं के कुलपति व पदाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से हिस्सा लिया। इस मौके पर हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष बीके कुठियाला ने चार दिन तक चली डिजिटल कॉन्कलेव के निष्कर्ष की प्रस्तुति दी।

राज्यपाल आर्य ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सामाजिक रूप से दबे-कुचले लोगों की शिक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इन प्रावधानों को पूरी तरह अमल में लाना हम सब के लिए चुनौती होगी। इसके लिए हमें निजी संस्थानों के साथ बेहतर सामंजस्य करने की जरूरत है। नई शिक्षा नीति के मानदण्डों को अपनाते हुए यदि हम गरीब लोगों के लिए शिक्षा के सामान अवसर जुटा पाए तो यह देश के लिए गौरव की बात होगी।

राज्यपाल ने समान शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि शिक्षातंत्र में शहरी व ग्रामीण शिक्षा की खाई को मिटाना होगा जिससे सभी को शिक्षा के सामान अवसर मिलेंगे। देश में सामान शिक्षा होगी तो वर्णविहीन समाज होगा और नव भारत का निर्माण होगा।

उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल, रोजगार, तकनीकी ज्ञान और विशेषज्ञता को प्राथमिकता दी गई है। इन्हीं सब पैमानों पर खरा उतरने के लिए विश्वविद्यालयों को उद्योगों से जुडऩा होगा ताकि दोनों संस्थाएं आपस में ताल-मेल कर डिप्लोमा, डिग्री, व्यवसायी कोर्स करवाकर युवाओं को रोचक विषयों व कार्यों में पारंगत कर सकें।

गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो० टंकेश्वर कुमार सहित अन्य शिक्षण संस्थाओं ने भी इस निर्देश के बाद राज्यपाल का धन्यवाद किया है।

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