आंगनबाड़ी में नौकरी लगाने के नाम पर 5 लाख हड़पे, विज के दरबार में पहुंचा मामला तो पुलिस ने किया केस दर्ज

नारनौल। आंगनबाड़ी में नौकरी लगाने के नाम पर सात लाख की डिमांड की। महिला ने परिवार, रिश्तेदारों से मिलकर उधार पैसा लेकर पांच लाख से अधिक की राशि दी। नौकरी नहीं लगी तो पैसा वापस मांगा। आरोप है कि पैसा नहीं दिया और शिकायत नहीं करने की धमकी दी। पीड़िता सदर थाना के एसएचओ के पास पहुंची। वहां सुनवाई नहीं होता देख एसपी को शिकायत दी। यहां भी गुहार दरकिनार कर दी गई। फिर पीड़िता ने गृह मंत्री अनिल विज के दरबार में दस्तक दी। तब जाकर पीड़िता की शिकायत पर सदर थाना में नामजद आरोपित के खिलाफ आईपीसी की धारा 406,420,506 के तहत केस दर्ज किया है।
गांव भूषण कलां वासी पीड़िता रीना कुमारी ने गृहमंत्री अनिल विज के नाम शिकायत दी है। इसी शिकायत के आधार पर सदर थाना ने केस दर्ज किया है। शिकायत में पीड़िता ने बताया है कि वह एचएसआरएलएम में कार्य करती है। जो गांव-गांव जाकर एसएचजी फिल्ड का काम करती थी। गांव अमरपुर जोरासी की मंजू सहेली है। 24 सितम्बर 2021 को हम दोनों गांव महरमपुर में अपने फील्ड वर्क के लिए गए थे। उस समय पता चला कि इसी गांव का कुलदीप पैसे लेकर आंगनबाड़ी में नौकरी लगवाता है। सहेली ने बताया कि उसने भी कुलदीप को कुछ पैसे दे रखे है। यह सुनकर पीड़िता ने भी उसी रोज नामजद मोबाइल नंबर पर बात की। जिस पर कुलदीप ने आंगनबाड़ी में नौकरी लगवाने बारे पूरा विश्वास दिलाया और कहा कि सात लाख रुपये लेंगेगे, नौकरी मिल जाएगी। उसकी पहुंची ऊपर तक है। उस पर विश्वास करते कुलदीप से कहा कि वह एक गरीब परिवार से संबंध रखती है। एक साथ इतनी बड़ी राशि नहीं दे सकती। जिस पर कुलदीप ने कहा कि किस्तों में जब भी उनको जरूरत होगी, वह आगे से मांग लेगा। आखिर में एक मोटी रकम का इंतजाम जरूर कर लेना ताकी ऊपर दिए जा सके। उस पर विश्वास करते हु तमाम डोक्योमेंट जैसे आधार कार्ड व पढ़ाई की मार्कशीट उसको व्हाट्सएप पर भेज दिए। शिकायत में बताया है कि सात अक्टूबर 2021 को कुलदीप ने 10 हजार मंजू के घर पर आकर लिए और वहीं से मोबाइल नंबर व अन्य दस्तावेज रिकार्ड करके ले गया। उसके बाद दो नवंबर 2021 को वह पीडि़ता के घर पर आकर पांच हजार व उसके बाद 20 हजार लेकर गया। इसी बीच सितम्बर-2021 को गुरुग्राम सीएमडीपीटी हाउस लेकर गया और कहा कि सारी कार्रवाई गुरुग्राम ही होगी। हस्ताक्षर करके उसको उसकी नौकरी का लेटर मिल जाएगा व 50 हजार उसी दिन नकद भी ले लिए गए। उस दिन के बाद पुन: 20 हजार की डिमांड की गई। उसे जवाब दिया कि उसके पास रुपये नहीं है तथा नौकरी के डॉक्यूमेंट का क्या रहा तथा कार्रवाई कहा तक पहुंची। जिस पर आरोपित ने कहा कि पूरी राशि दे दो आज ही लगवा देगा। जिस पर पीड़िता ने 20 हजार अपने भाई राजपाल के द्वारा उसके फोन के जरिये कुलदीप के पास भिजवाया गया।
शिकायत में बताया गया है कि इस साल 2022 में 10 व 17 जनवरी को 50-50 हजार रुपये दो बार पति की मौजूदगी में वह लेकर गया। इसी तरह 32 हजार मित्र मंजित वासी मित्रपुरा के घर से उसके कहने पर वह लेकर गया। उसके बाद 10 फरवरी को 75 हजार नकद दिए गए। इस तरह कई बार अलग-अलग तरीके से आरोपित को पांच लाख 83 हजार रुपये दिए गए। इस पूरे मामले के बाद 29 अप्रैल को कुलदीप द्वारा लगातार पैसों की डिमांड की गई। इस पर पीड़िता ने कहा कि पहले आंगनबाड़ी में नौकरी लगवाएं, उसके बाद पूरी रकम उनको दे देगी।
शिकायत में आरोप है कि इस पर कुलदीप ने धमकी दी कि या तो जल्द उनके जितने पैसे वह मांग रहा है, दे देंवे अन्यथा दी गई तमाम राशि हड़प जाएगा और नौकरी भी नहीं लगवाएंगा। पीड़िता ने गुहार लगाई और उधार के पैसे उसे देने की बात कही तो मई-2022 में कुलदीप ने मात्र 80 हजार ही वापस लौटाए बाकी बकाया राशि बारे जब होंगे तब देगा जवाब दिया। पीड़िता का आरोप है कि आज तक बकाया राशि पांच लाख तीन हजार है जो उसे नहीं मिले है। ना ही नौकरी लगवाई गइ। यह बकाया पैसा वापस दिलवाया जाए।
यह शिकायत इसी साल तीन सितम्बर को सदर थाना नारनौल के एसएचओ और दो दिन बाद पांच सितंबर को एसपी को दी गई थी। कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि शिकायत करने के बाद आरोपित एलानिया धमकी दी कि शिकायत देकर क्या बिगाड़ लिया, आज भी आजाद घुम रहा है।
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