यमुनानगर में हादसा : फाटक के नीचे से निकल रहे दादी-पोते को सौ फुट दूर उड़ा ले गई ट्रेन, शरीर के हुए टुकड़े

यमुनानगर में हादसा : फाटक के नीचे से निकल रहे दादी-पोते को सौ फुट दूर उड़ा ले गई ट्रेन, शरीर के हुए टुकड़े
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गांव रामपुर खादर निवासी भोपाल सिंह अपनी दादी प्रेमो देवी के साथ मोटरसाइकिल पर जा रहा था। रास्ते में फाटक बन्द होने पर भोपाल ने अपनी बाइक खड़ी कर दी और पैदल ही फाटक के नीचे से दादी को रेलवे लाइन पार करवाने लगा। इस दौरान दोनों ट्रेन की चपेट में आ गए।

हरिभूमि न्यूज : यमुनानगर

अंबाला-सहारनपुर रेलवे मार्ग पर पांसरा के नजदीक रेलवे क्रासिंग करते समय ट्रेन की चपेट मे आने से दादी पोते की मौत हो गई। पुलिस ने दोनो शवों को कब्जे मे लेकर पोस्ट मार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है।

जानकारी के मुताबिक गांव रामपुर खादर निवासी भोपाल सिंह पेंटर का काम करता था। वह अपनी दादी प्रेमो देवी के साथ मोटरसाइकिल पर एक शादी समारोह में जा रहा था। रास्ते में जब वे पांसरा रेलवे फाटक के पास पहुंचे तो वह बंद मिला। फाटक बन्द होने पर भोपाल भूपाल ने अपनी बाइक खडी कर दी और पैदल ही फाटक के नीचे से दादी को रेलवे लाइन पार करवाने लगा। इसी बीच अचानक तेज रफ्तार से आ रही ट्रेन की चपेट में वह दोनों आ गए। हादसा इतना दर्दनाक हुआ था कि ट्रेन की टक्कर लगने से दोनों ही करीब सौ फुट की दूरी पर जाकर गिरे और उनके शवों के टुकड़े हो गए।

भोपाल की जेब से मिले आधार कार्ड से उनकी शिनाख्त हो पाई। मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लोगों ने युवक को आवाज भी लगाई कि ट्रेन आ रही है। मगर जल्दबाजी के चक्कर में लाइन क्रॉस करने के लिए वह आगे बढ़ गया। सूचना मिलते ही जीआरपी की टीम ने मौके पर पहुंच कर दोनो शवों के कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनो को सौंप दिए।

बता दें कि यमुनानगर शहर में इस तरह के हादसे पहले भी हो चुके हैं और पूरे शहर में शहर में एकमात्र ओवर ब्रिज है। यह रेलवे फाटक लंबे समय तक बंद रहता है। इसलिए लोग जल्दबाजी के चक्कर में जान जोखिम में डालकर फाटक बंद होते हुए भी वहां से निकलते हैं। वैसे भी इन दिनों रेलवे की ओर से कोरीडोर का काम चल रहा है। यहां पर हर समय वाहनों का लंबा जाम लगा रहता है।

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