खेती में पेस्टीसाइड पर निर्भरता को कम करने के लिए सोलर लाइट ट्रैप लगवाने पर मिल रहा अनुदान, ऐसे उठाएं लाभ

खेती में पेस्टीसाइड पर निर्भरता को कम करने के लिए सोलर लाइट ट्रैप लगवाने पर मिल रहा अनुदान, ऐसे उठाएं लाभ
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सरकार द्वारा इस योजना के तहत प्रत्येक उपकरण पर 75 प्रतिशत तक का अनुदान प्रदान किया जाता है। अनुदान का लाभ एक किसान को प्रति एकड़ एक उपकरण व अधिकतम 10 एकड़ तक ही इसका लाभ दिया जाता है। इच्छुक किसान अपनी बैंक पासबुक, आधार कार्ड, परिवार पहचान पत्र व पैन कार्ड के साथ किसी भी नजदीकी सीएससी केंद्र पर जाकर हॉर्टनेट पोर्टल पर अपना आवेदन कर सकते है।

कुरुक्षेत्र। सरकार द्वारा खेती में आमदनी को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की अनुदान योजनाएं चलाई जा रही हैं। किसानों की फसलों को कीट पतंगों से बचाने व खेती में पेस्टिसाइड्स की निर्भरता को कम करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा सोलर पावर एलईडी लाइट ट्रैप उपकरण पर 75 प्रतिशत का अनुदान प्रदान किया जाता है।

एडीसी अखिल पिलानी ने बातचीत करते हुए कहा कि खेतों में फसलों और सब्जियों को कीट भारी नुकसान पहुंचाते हैं। जिससे बचने के लिए किसान पेस्टीसाइड का उपयोग करते हैं। ये रासायनिक दवाइयां कीटों को तो मार देती है लेकिन इसके जहरीले अंश मिट्टी में मिलकर उसकी उत्पादन क्षमता व मनुष्य के स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करते हैं। ऐसे में किसानों को पेस्टीसाइड के खतरों से दूर करने और फसलों को कीटों से बचाने के लिए सरकार द्वारा स्कीम के तहत सोलर लाइट ट्रैप अपनाने पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस उपकरण में एक छोटी सोलर प्लेट लगाई जाती है। जो दिन में उपकरण में नीचे की तरफ लगी बैटरी को चार्ज करती है। बीच में खाली जगह छोड़ कर एक इलेक्ट्रिक रैकेट लगा दिया जाता है। रैकेट के ऊपर कुछ छोटे छोटे बल्ब लगा दिए जाते हैं। जो सौर ऊर्जा से चार्ज हुई बैटरी से जलते हैं। इन बल्बों को देखकर कीट पतंगें आकर्षित होते हैं और इलेक्ट्रिक रैकेट की चपेट में आकर नष्ट हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस योजना के तहत प्रत्येक उपकरण पर 75 प्रतिशत तक का अनुदान प्रदान किया जाता है। अनुदान का लाभ एक किसान को प्रति एकड़ एक उपकरण व अधिकतम 10 एकड़ तक ही इसका लाभ दिया जाता है। इच्छुक किसान अपनी बैंक पासबुक, आधार कार्ड, परिवार पहचान पत्र व पैन कार्ड के साथ किसी भी नजदीकी सीएससी केंद्र पर जाकर हॉर्टनेट पोर्टल पर अपना आवेदन कर सकते है। आवेदक किसान का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण आवश्यक है। किसान योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्यदिवस पर जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकता है।

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