कपास की बिजाई पर किसानों को प्रति एकड़ मिलेगा तीन हजार रुपये का अनुदान, यहां करना होगा पंजीकरण

कपास की बिजाई पर किसानों को प्रति एकड़ मिलेगा तीन हजार रुपये का अनुदान, यहां करना होगा पंजीकरण
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हरियाणा में कृषि विभाग ( Agriculture Department ) इस बार किसानों को कपास की बिजाई ( cotton crop ) पर प्रति एकड़ तीन हजार रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी।

हरिभूमि न्यूज : चरखी दादरी

हरियाणा में कृषि विभाग ( Agriculture Department ) इस बार किसानों को कपास की बिजाई ( cotton crop ) पर प्रति एकड़ तीन हजार रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी। पर यह राशि केवल देसी कपास की बिजाई करने पर ही मिलेगी। कृषि विभाग ने फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए किसानों से अपने खेत में देसी कपास की बिजाई करने का आह्वान किया है।

चरखी दादरी के उपायुक्त प्रदीप गोदारा ने इस योजना की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने फसल विविधिकरण की दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुए देसी कपास की बिजाई करने पर तीन हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन देने की पहल की है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से किसानों को यह अनुदान राशि दी जाएगी। इसके लिए किसानों को अपने खेत का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल ( Meri Fasal Mera Byora Portal ) पर पंजीकरण करवाना जरूरी है। पंजीकरण के लिए विभाग ने 25 अप्रैल से 31 मई तक का समय निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि देसी कपास की बिजाई करने से कीटों से होने वाला नुकसान भी फसल में कम होगा और यह किसानों को अच्छा मुनाफा प्रदान करेगी।

इस प्रकार रखें कपास की फसल का रखरखाव

उपमंडल कृषि कार्यालय परिसर में कपास की बिजाई से कटाई तक का प्रशिक्षण देने के लिए कृषि अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें कृषि विशेषज्ञ डॉ. चंद्रभान ने बताया कि कपास में गुलाबी सुंडी लगने का खतरा रहता है। इसके लिए उचित समय पर दवाईयों का छिड़काव फसल में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीनिंग मिलों में स्टोर कर रखी गई कपास व बिनौलों को पॉलिथिन से ढककर रखी जाए। इन मिलों में फेरोमेन ट्रैप लगवाया जाए, जिससे कि किसी प्रकार के कीटाणु न लग सकें। उन्होंने कहा कि कटाई के बाद कपास की लकड़ियों को झाड़कर एक तरफ रख लें तथा बाकी अवशेष को नष्ट कर दिया जाना चाहिए।

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