Ground Water सर्वे : जिले में गिर रहा भूजल, सर्वे के लिए 6 टीमों का किया गठन

- जून के अंतिम दिनों तक तैयार होगी रिपोर्ट, टीम पानी की गुणवता की करेगी जांच
- सर्वे के लिए टीम ने चयनित किए गए 40 प्वाइंट
Sonipat : जिले में भूजल गर्मी और पानी की गुणवता की जांच के लिए टीमों का गठन किया गया है। ब्लाक स्तर पर शुरू किए गए सर्वे की रिपोर्ट जून माह के अंतिम दिनों तक फाइनल कर दी जाएगी। जिसके बाद पता चल पाएगा कि मौजूदा समय में हमारी धरती में कितना पानी बचा हुआ है। ग्राउंड वाटर सेल की निगाहे सोनीपत (Sonipat) के डार्क जोन पर भी टिकी हुई है, जहां स्थिति पिछले सालों से चिंताजनक बनी हुई है। हालांकि इस बार मार्च-अप्रैल में अच्छी बरसात होने से उम्मीद की जा रही है कि भूजल स्तर (Ground Water) पर सुधार मिलेगा।
बता दें कि जिले की सीमा में यमुना नदी बहने के बावजूद भूजल स्तर चिंताजनक स्थिति तक नीचे गिरता जा रहा है। मुरथल, राई, गन्नौर जैसे ब्लाक तो डार्क जोन में शामिल है। ऐसे में भूजल स्तर पर पैनी नजर रखने के लिए रोहतक रेंज का ग्राउंड वाटर सेल साल में प्री मानसून व मानसून के बाद भूजल स्तर की जांच के लिए सर्वे करता है। प्री-मानसून सर्वे जून माह में शुरू होता था। मई-जून माह में भूजल स्तर सबसे नीचे के स्तर पर पहुंच जाता है। वहीं जुलाई माह में मानसून की दस्तक के बाद अगस्त और सितंबर माह में भूजल स्तर साल के सबसे ऊपरी स्तर पर होता है। ऐसे में मानसून से भूजल स्तर को कितना लाभ पहुंचा है, इसकी जांच के लिए अक्तूबर माह में फिर से भूजल सर्वे किया जाता है।
सर्वे के लिए चयनित किए गए 140 प्वाइंट, पानी की गुणवता की होगी जांच
जिले में भूजल सर्वे के लिए 6 टीमों का गठन किया गया है। उक्त टीमें ग्राउंड वाटर सेल द्वारा चयनित 140 प्वाइंट पर पहुंचकर भूजल स्तर मापेंगी। सोनीपत ब्लाक में लिए जहां करीब 20 प्वाइंट चयनित किए गए है। वहीं मुरथल ब्लाक के लिए 17 जगहों पर पहुंचकर भूजल स्तर की जांच की जाएगी। इसी तरह से गोहाना और गन्नौर ब्लाक में भी 15-15 प्वाइंट भूजल स्तर की जांच के लिए निर्धारित किए है। कथूरा ब्लाक की बात करे तो वहां से 14 प्वाइंट पर जांच के बाद भूजल की गहराई का पता चल पाएगा। खरखौदा ब्लाक में 25, मुंडलाना ब्लाक में 17 और राई ब्लाक के भी 17 प्वाइंटों पर पहुंचकर ग्राउंट वाटर सेल की टीम भूजल स्तर की जांच करेगी। टीम को जून माह के अंतिम दिनों तक रिपोर्ट तैयार करनी होगी। गाउंड वाटर सेल की टीम ने भूजल सर्वे के दौरान पानी की गुणवत्ता की भी जांच करने का फैसला किया है। सर्वे शुरू होते ही पानी के सैम्पल भी लिए जाएंगे, जिन्हें जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। लैब रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि किस ब्लाक में कौन-कौन से ऐसे क्षेत्र है, जहां पानी कृषि योग्य नहीं बचा है।
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