गुरमीत राम रहीम 12 घंटे में ही वापस जेेल पहुंचा

रोहतक : गुरमीत राम रहीम 12 घंटे में ही सुनारियां जेल से जेल में वापसी हो गई है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख ने अपनी मां के बीमार होने का हवाला देते हुए एमरजेंसी पैरोल मांगी थी। जिसके बाद उसे शुक्रवार सुबह पैरोल पर सुनारियां जेल से गुरुग्राम के लिए भेजा गया था। वहीं शाम को दिन ढलने से पहले उसकीजेल में वापसी हो गई।
वहींं दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति ने राम रहीम को इमरजेंसी पैरोल दिए जाने का विरोध करते हुए सरकार के फैसले की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि साध्वी यौन शोषण व हत्या के दोषी राम रहीम जैसे कैदी को पैरोल देना निंदनीय है। उन्होंने सरकार पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की मिलीभगत से यह खेल खेला गया है। उन्होंने कहा कि कस्टोडियन पैरोल देकर ट्रैक तैयार किया जा रहा है ताकि राम रहीम को आगे पैरोल पर सिरसा लाया जा सके। उन्होंने बताया कि जिस तरह पहले अपनी बीमारी का बहाना बना कर अस्पताल में जाना और फिर डॉक्टर्स द्वारा फिट बताए जाने के बाद इमरजेंसी पेरोल के लिए आवेदन करना यह दर्शाता है कि किस तरह सरकार की मिलीभगत से मां की बीमारी का बहाना बना कर उसे पहले गुरुग्राम ले जाया गया और फिर इमरजेंसी पेरोल देना यह सब सरकार की मिलीभगत का ही परिणाम है जो कि निंदनीय है।
बता दें कि गुरमीत को साध्वी दुष्कर्म मामले में पंचकूला की अदालत में 25अगस्त 2017 को पेश किया गया था। सीबीआई की विशेष अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए सुनारिया जेल में भेज दिया था। 27 अगस्त को इस मामले में सुनारिया जेल में ही सीबीआई अदालत लगाई गई। जहां रामरहीम को 20 साल की सजा सुनाई गई। उसी दिन से रामरहीम जेल में सजा काट रहा है। इसके बाद उसे पत्रकार हत्याकांड में उम्र कैद की सजा सुनाई गई। कई बार गुरमीत ने पैरोल के लिए अर्जी लगाई लेकिन पैरोल नहीं मिल पाई।
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