Gurugram : सस्ती ज्वैलरी दिलाने के नाम पर 35 लाख की ठगी

- आरोपी ने घरेलू संबंध बनाकर दिया वारदात को अंजाम
- रक्षाबंधन के दिन युवक से की ठगी, जांच में जुटी पुलिस
Gurugram : डीएलएफ थाना क्षेत्र में सस्ते दाम पर ज्वैलरी दिलाने का झांसा देकर एक व्यक्ति से 35 लाख रुपए की ठगी की गई। आरोपी ने पीड़ित से पहले दोस्ती की और उसे अपने झांसे में लेकर घरेलू संबंध बनाए। पीड़ित की बहन से राखी बंधवाने के बाद आरोपी ने अपने मालिक के जरिए उन्हें सस्ती ज्वैलरी दिलाने का झांसा दिया और बाद में रुपए लेकर फरार हो गया। रुपए लेकर जाने के लिए आरोपी ने अपने साथियों के साथ एक साजिश रची और बीच रास्ते में अपने साथियों को बुलाकर पीड़ित को हथियार दिखाकर डराया और आरोपी फरार हो गए। डीएलएफ थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
मूल रूप से मौजपुर दिल्ली के रहने वाले मनमोहन चौहान ने कहा कि वह शेयर मार्केट में काम करते हैं। करीब दो साल पहले उनकी पहचान नरेंद्र राठौर नामक व्यक्ति से हुई, जिसने खुद को चुरू राजस्थान का रहने वाला बताया। करीब दो महीने पहले तक नरेंद्र ने उनसे घरेलू संबंध बना लिए। नरेंद्र ने उन्हें बताया था कि वह करीब 40 साल से ज्वैलरी शॉप में काम करता है। उसके मालिक शर्मा की एमजी रोड स्थित सेंको नाम से ज्वैलरी शॉप है। उनके मालिक को काफी नुकसान हो गया है। ऐसे में वह ज्वैलरी को बेच रहे हैं। यह ज्वैलरी वह बिल के साथ उन्हें कम दाम में दिला देगा। बातचीत होने के बाद नरेंद्र ने मनमोहन को अपने मालिक शर्मा व पार्टनर माथुर से दिल्ली के चांदनी चौक में मिलवाया। आरोप है कि 26 अगस्त को मनमोहन को फोन कर फ्रेंड्स कॉलोनी के सूर्या होटल में मिलने के लिए बुलाया। बातचीत के बाद 40 लाख रुपए की ज्वैलरी 35 लाख रुपए में लेने के लिए सौदा तय हुआ।
31 अगस्त को नरेंद्र उनके घर आया और उनकी बहन से राखी बंधवाने के बाद उसने कहा कि आज ज्वेलरी खरीदने के लिए अच्छा दिन है। ऐसे में नरेंद्र ने मनमोहन को ज्वैलरी उसी दिन खरीदने के लिए कहा। नरेंद्र के कहने पर मनमोहन 35 लाख रुपए नकद लेकर एमजी रोड स्थित सहारा मॉल में बने हल्दीराम होटल में चला गया। जहां शर्मा व माथुर मिले, जिन्होंने रुपयों से भरा बैग ले लिया। वह यहां पर माथुर के साथ बैठा रहा, जबकि शर्मा और नरेंद्र रुपए गिनने के लिए चले गए। कुछ देर बाद नरेंद्र वापस एक बैग लेकर आता है, जिसमें ज्वैलरी होने की बात कही। नरेंद्र ने उसे अपने साथ दुकान पर चलने के लिए कहा। आरोप है कि जब वह हल्दीराम से निकलकर कुछ दूर आगे गए तो रास्ते में उन्हें कुछ लोगों ने रोक लिया, जिन्होंने हथियार के बल पर उन्हें धमकाया और वह नरेंद्र राठौर को अपने साथ ले गए। इस बात से वह डर गए और अपनी बहन के साथ जयपुर चले गए। बाद में उन्हें अहसास हुआ कि यह नरेंद्र राठौर की साजिश थी, जिसके तहत उसने 35 लाख रुपए की ठगी की है। उन्होंने पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया है।
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