हरियाणा के इस जिले में दिव्यांगों को मिलेगी नि:शुल्क शिक्षा, पहले देना होता था शुल्क

हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि प्रदेश के दिव्यांगजन अब राज्य पुर्नवास, प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (सिरतार) रोहतक में नि:शुल्क शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। इस संस्थान में लम्बे समय से विद्यार्थियों से वसूल किए जा रहे पंजीकरण शुल्क, मासिक शुल्क तथा होस्टल फीस पूरी तरह से माफ कर दी है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित 'सिरतार' गवर्निंग बॉडी की 5वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि इससे पहले संस्थान में पढ़ रहे दिव्यांगजनों से उक्त शुल्क लिए जाते थे, जिस कारण उन्हें दिक्कत महसूस होती थी। इस संस्थान में जेबीटी, बीएड, पीजीडीआरपी सहित अन्य पाठ्यक्रमों की विशेष शिक्षा दी जाती है। इसमें करीब 150 दिव्यांग विद्यार्थियों के शिक्षा ग्रहण करने की व्यवस्था है। इसके साथ ही सिरतार के निदेशक तथा प्राचार्य को आकस्मिक खर्च की सीमा को बढ़ाया गया है। इसके तहत अब निदेशक 40 हजार तथा प्राचार्य 10 हजार रुपये तक मासिक खर्च कर सकेंगे।
यादव ने बताया कि 'सिरतार' में 5 से 6 वर्ष आयु वर्ग से ही बच्चों की विकलांगता की जांच एवं परीक्षण के लिए 'शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र' खोला जाएगा ताकि ऐसे बच्चों को शुरूआती दौर से ही उपचार एवं शिक्षा प्रदान की जा सके। इसके साथ ही दिव्यांग बच्चों की सभी ज्ञानेन्द्रियों का अधिक से अधिक उपयोग हो सके, इसके लिए संस्थान परिसर में 'संवेदी एकीकरण इकाई' (एसआईयू) भी स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अतिरिक्त संस्थान में डिजिटल सिग्नेज डिस्प्ले तथा सौलर पैनल भी लगाने की भी सैद्घांतिक मंजूरी दी गई है। राज्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बैठक में लिए सभी निर्णयों को शीघ्र अमल में लाए ताकि दिव्यांगजनों को इसका जल्द ही लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि यह संस्थान हरियाणा के लोगों के उपकार के लिए बनाया गया है, इसलिए इसका निर्धारित लक्ष्य पूरा होना चाहिए।
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