Hansi : फर्जी एसेस्मेंट मामले में हांसी नगर परिषद की एक महिला सहित 3 कर्मचारी गिरफ्तार

- मामले में नगर परिषद के पूर्व कर्मचारी राजेंद्र दुआ को पुलिस पहले कर चुकी है गिरफ्तार
- भ्रष्टाचार मामले में नगर परिषद हांसी के कई अधिकारी व कर्मचारी पहले भी हो चुके गिरफ्तार
Hansi : अम्बेडकर चौक के समीप स्थित एक प्लॉट पर अवैध तरीके से नगर परिषद में एसेसमेंट चढ़ाने के मामले में पुलिस ने अवैध कब्जा करने वाली महिला के साथ साजबाज होकर उसकी फर्जी एसेस्मेंट तैयार करने के आरोप में नगर परिषद की एक महिला सहित तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार (Arrested) किया। पकड़े गए आरोपियोंं की पहचान गीता देवी, पवन कुमार व रामसिंह के रूप में हुई है। पुलिस मामले में जांच कर रही है।
सूरत निवासी प्रद्युमन मदन मोहन जैन, प्रवीण मदन मोहन जैन ने अक्तूबर 2022 में सिसाय निवासी राजबाला व अन्य के खिलाफ शिकायत दी थी। पुलिस ने सरोज बाला, रेशमा, नगर परिषद के कर्मचारी व अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उन्होंने बताया कि उनके परिवार की प्रॉपर्टी आईडी जमीन 245 वर्ग गज है। यह जमीन कान्ता देवी व प्रद्युमन, दिनेश, प्रवीण, अनिल पुत्र मदन मोहन जैन के नाम नगर परिषद हांसी के हाउस टैक्स रजिस्टर में दर्ज थी। कुछ समय पहले सरोज बाला ने ताकत के बल पर उपरोक्त जमीन पर कब्जा कर लिया। गैर कानूनी रूप से इस जमीन की मलकियत भी नगर परिषद हांसी के हाउस टैक्स एसेस्मेंट रजिस्टर में अपने नाम दर्ज करा ली। वह सूरत में अपने-अपने परिवारों सहित रहते है, इसलिए इस बारे में अब तक कुछ भी पता नहीं चला। वह हांसी आए तो उन्हें रजिस्ट्रियों व कब्जे के बारे में पता चला।
राज बाला ने नगर परिषद कर्मचारी राजेंद्र दुआ, गीता देवी, पवन कुमार व रामसिंह के साथ मिलकर उसकी फर्जी हाऊस टैक्स रसीद व एसेस्मेंट तैयार करवा ली। इन्हें फर्जी दस्तावेज के आधार पर राजबाला ने उक्त प्लाट की अपनी मां रेशमा के नाम रजिस्ट्री करवा दी तथा रजिस्ट्री करवाने के अगले ही दिन राजबाला ने अपनी मां रेशमा से अपने नाम रजिस्ट्री करवा ली थी। इस बारे में जब मदन मोहन जैन को जानकारी मिली तो उन्होंने आरोपी राजबाला के खिलाफ शहर थाना में शिकायत देकर मामले में जांच करने तथा उसके प्लाट को वापस दिलाने की गुहार लगाई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी। आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच करते हुए राजबाला व उसकी मां तथा नगर परिषद के रिटायर्ड कर्मचारी राजेंद्र दुआ को गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद की जांच में लिपिक गीता, पवन व रामसिंह की संलिप्तता पाए जाने पर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया।
भ्रष्टाचार के मामले में नगर परिषद के कई अधिकारी पहले भी जा चुके जेल
हांसी नगर परिषद में भ्रष्टाचार का मामला कोई नई बात नहीं है, इससे पूर्व भी नगर परिषद हांसी के कई अधिकारियों और कर्मचारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। माडल टाऊन की श्मशान भूमि की फर्जी एसेस्मेंट तैयार करने तथा उस पर अवैध कब्जा कर निर्माण करवाने के मामले में नगर परिषद ईओ संजय रोहिल्ला, जेई राहुल भोरिया तथा लिपिक राजेंद्र दुआ को जेल भेजा जा चुका है। फिलहाल तीनों आरोपित इस मामले में न्यायालय से जमानत पर हैं। वहीं यदि पुलिस इस मामले की गहनता से जांच करेगी तो परिषद के कई ओर बड़े अधिकारी भी इस मामले में संलिप्त पाए जाएंगे।
मदन मोहन जैन ने मुख्यमंत्री को किया था ट्वीट
इस मामले में मदन मोहन जैन ने 30 मार्च को नगर परिषद अधिकारियों के व्यवहार को लेकर मुख्यमंत्री को ट्विटर पर शिकायत की थी। जिसमें बताया था कि किस प्रकार परिषद के अधिकारी लोगों के काम को लटकाए रखते है और जल्दी काम करवाने के लिए तत्काल में काम करवाने की सलाह देते है। दरअसल वह लोगों को इसलिए परेशान करते है ताकि परेशान होकर जनता उन्हें रिश्वत दे। इन कर्मचारियों सहित नगर परिषद में कार्यरत अन्य अधिकारियों की संपति की जांच की जाए तथा परिषद के हर कमरे में रोजाना की प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग की जाए।
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