शीतकालीन अवकाश में 10वीं, 12वीं के विद्यार्थियों को फिजिकल मोड में कक्षाओं का आदेश अतार्किक

शीतकालीन अवकाश में 10वीं, 12वीं के विद्यार्थियों को फिजिकल मोड में कक्षाओं का आदेश अतार्किक
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हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा हरियाणा को पत्र लिखकर शीतकालीन अवकाश के दौरान बच्चों को विद्यालय में न बुलाए जाने बारे अनुरोध किया है।

हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा हरियाणा को पत्र लिखकर शीतकालीन अवकाश के दौरान बच्चों को विद्यालय में न बुलाए जाने बारे अनुरोध किया है। शिक्षा विभाग द्वारा एक पत्र में कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की शीतकालीन अवकाश के दौरान कक्षाओं के संचालन के बारे कहा गया है।

हसला के राज्य प्रधान सतपाल सिंधु ने बताया कि राज्य भर में अभूतपूर्व भीषण शीत लहर चल रही है और पूरे राज्य में तापमान काफी कम है। घने कोहरे से यह स्थिति हर रोज और विकराल होती जा रही है। इस मौसम में न तो विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे और न ही शिक्षक प्रभावी ढंग से शिक्षा प्रदान कर पाएंगे। राज्य प्रधान ने विभाग की कार्यप्रणाली पर आपत्ति दर्ज करवाते हुए बताया कि पूरे शैक्षणिक वर्ष के दौरान शिक्षकों को विभिन्न गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाया जा रहा है और अब शीतकालीन अवकाश में 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए फिजिकल मोड में कक्षाओं का आदेश जारी करना अतार्किक है। पूरे दिसंबर माह में शिक्षकों को पीपीपी व अन्य प्रशिक्षण कार्यों में लगाए रखा और अब शीतकालीन अवकाश में कक्षाएं लगाना केवल दिखावा मात्र है। अधिकांश शिक्षकों ने अपने सामाजिक दायित्वों को पूरा करने के लिए इन शीतकालीन अवकाशों की योजना पहले ही बना ली है और इस समय इन निर्देशों को जारी करना अप्रासंगिक और जबरदस्ती है।

राज्य महासचिव हसला अमित मनहर ने बताया कि हसला शीतकालीन अवकाश के दौरान कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों की बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के परिप्रेक्ष्य से बिल्कुल सहमत हैं। लेकिन शिक्षा विभाग छात्रों के स्वास्थ्य की दृष्टि से कक्षाओं के ऑनलाइन मोड पर विचार करें। यदि शीतकालीन अवकाश के दौरान बच्चों को विद्यालय में बुलाया जाता है तो ये उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होगा। ज्यादा ठंड में बोर्ड कक्षाओं के लिए ऑनलाइन माध्यम से पठन पाठन ही उचित माध्यम है। शिक्षा विभाग द्वारा 10वीं व 12वीं कक्षा के लिए टैबलेट उपलब्ध करवा रखें है। यदि अब भी बच्चों को विद्यालयों में बुलाया गया तो ये सरकार का अव्यावहारिक निर्णय होगा तथा टैबलेट पर किया गया करोड़ों का खर्चा व्यर्थ होगा।

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