Haribhoomi Exclusive : माधोगढ़ में ताला, सतनाली में डाक्टरों की हाजिरी नहीं, सेहलंग में डिलीवरी कम, ये- है स्वास्थ्य व्यवस्था हाल

सतीश सैनी/नारनौल। स्वास्थ्य विभाग (Health Department) में व्यवस्था को लचर करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों की अब खैर नहीं है। सीएमओ ने जिला की स्वास्थ्य सुविधा व्यवस्था को समझने के बाद इन्हें सुधारीकरण के लिए अब नया प्लान तैयार किया है। उच्च अधिकारियों से इस बाबत बातचीत करने के बाद मिली हरी झंडी के बाद आने वाले दिनों में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरूस्त करने के लिए सीएमओ का डंडा घुमता दिखाई देगा। इसी के तहत सीएमओ के निर्देश पर डिप्टी सीएमओ एवं आरटीएस नोडल अधिकारी डा. हर्ष चौहान व डीपीएम संदीप यादव ने तीन स्वास्थ्य केंद्र माधोगढ़, सतनाली व सेहलंग का औचक निरीक्षण किया। खामियां अधिक खूबी कम पाई गई। माधोगढ़ स्वास्थ्य केंद्र के तो ताला ही लगा मिला। सतनाली में दो चिकित्सकों की हाजिरी रजिस्टर में ही दर्ज नहीं थी। सेहलंग में भी अव्यव्स्था का बोल बाला दिखा। तीनों जगह एंबुलेंस गाडि़यों के हर रिकार्ड व उपकरणों को भी जांचा गया।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र माधोगढ़
यहां टीम शुक्रवार शाम 6:35 बजे पहुंची। इस केंद्र पर ताला लगा था। यह देख टीम हैरान हो गई। पास से ही दौड़कर खुद को एंबुलेंस चालक बताते हुए भगतसिंह आया। एंबुलेंस गाड़ी को देखा तो रिकार्ड में 27 अप्रैल के बाद उस वक्त तक कोई कॉल नहीं थी। इस केंद्र में 24 घंटे डिलीवरी सेवा उपलब्ध का दावा किया जाता है। उस वक्त एंबलुेंस चालक के अलावा कोई स्टाफ नहीं था। यहां शाम चार बजे से सुबह आठ बजे तक ऑन कॉल पर ही स्टाफ नर्स उपलब्ध होने की बात कही गई। जबकि यहां एएनएम की ड्यूटी होनी चाहिए थी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सतनाली
स्वास्थ्य विभाग की टीम यहां शाम 7:17 बजे पहुंची। उस वक्त पुरानी बिल्डिंग से नए भवन में सामान शिफ्ट करने का काम चल रहा था। एक चिकित्सक व स्टाफ नर्स मिली। टीम ने हाजिरी रजिस्टर को देखा तो उसमें दिन के समय जिन दो चिकित्सकों की ड्यूटी थी, उनकी हाजिरी नहीं लगी हुई थी। एंबुलेंस चालक भवानी को गाड़ी में सुविधाओं की जानकारी टीम ने ली तो पता चला स्ट्रेक्चर खराब मिला। आक्सीजन फ्लोमीटर टूटा हुआ मिला। आक्सीजन नेब्यूलाइजर साफ नहीं था। चालक को एंबुलेंस गाड़ी में रखी दवा व अन्य उपकरण की जानकारी नहीं थी। टीम जब लेबर रूम में पहुंची तो वहां क्रेस कार्ड नहीं लगा मिला। इस केंद्र में बड़ी स्ट्रीट लाइन की कमी भी खलती दिखाई दी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेहलंग
तीसरे सरकारी संस्थान सेहलंग में टीम रात 10:26 बजे पहुंची। उस वक्त एक मरीज को महेंद्रगढ़ अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा था। मरीज बिना स्टाफ सहायता के एंबुलेंस गाड़ी तक परिजनों के सहयोग से पहुंचा। बिना आक्सीजन लगाए मरीज को लेकर जाने की तैयारी थी। जब टीम ने आक्सीजन नेब्यूलाइजर मरीज को लगाने के लिए कहा तो आक्सीजन ही लीक मिली। आक्सीजन नेब्यूलाइजर पूरी तरह धूल-मिट्टी से सना था, लग रहा था कभी इसे इस्तेमाल ही नहीं किया गया। टीम ने मरीजों को रेफर किए गए दस्तावेज जांचने के बाद दूसरी एंबुलेंस में स्टाफ नर्स की सहायता से भिजवाया। उस वक्त मरीज व उनके अभिभावकों को स्टाफ सहयोग की कमी खलती दिखाई दी। मुख्य द्वार पर लाइट की कमी दिखी। रिकार्ड देखने पर पता चला कि पिछले साल जनवरी से दिसंबर तक महज 114 डिलीवरी करवाई गई। उसके बाद इस साल जनवरी में 11, फरवरी में पांच, मार्च में 13, अप्रैल में छह और मई में पांच तारीख तक एक भी डिलीवरी नहीं करवाई गई। क्षेत्र बड़ा व आबादी को देखते हुए यहां हर माह 40 डिलीवरी होनी चाहिए थी। लेबर रूम में सेवन-ट्रे मैकेनेजियम तैयार नहीं था। एक्यपायरी डेट का एक इंजेक्शन भी मिला। संस्थान में साफ सफाई का अभाव दिखा। लेबर टेबल के नीचे लगे पैर स्टैंड पर खून के धब्बे पाए गए। डिलीवरी रिकार्ड मानक अनुरूप तैयार नहीं किया जा रहा था। स्टाफ वर्दी में नहीं था। एंबुलेंस रजिस्टर को देखने पर पाया गया कि लड़ाई-ागड़े केस संंबंधित मरीज को भी निशुल्क ही गाड़ी छोड़कर आ रही है जबकि टीम का तर्क था कि ऐसे मामलों में कोई फ्री सेवा नहीं है, उसका किलोमीटर के हिसाब से पैसा मरीज से लेना होता है।
क्या कहते है सीएमओ
सीएमओ डा. रमेशचंद्र आर्य ने बताया कि जिला में स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था को सुधारने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है। उच्च अधिकारियों को भी पूरी तरह मामले से अवगत करवा दिया गया है। आने वाले समय में उनकी व उनके निर्देश पर डिप्टी सीएमओ की अगुवाई में टीम औचक निरीक्षण का क्रम जारी करेगी। जहां भी ड्यूटी में कर्मचारी या अधिकारियों की कोताही मिली, उस पर सख्त एक्शन होगा। शुक्रवार रात को डिप्टी सीएमओ डा. हर्ष कुमार व डीपीएम संदीप यादव की संयुक्त टीम को औचक निरीक्षण में कमी पाई गई है, उस पर संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों से जवाब तलब कर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
मॉक ड्रिल में 12 मिनट में पहुंची एंबुलेंस गाड़ी
निरीक्षण के दौरान गांव खेड़ी तलवाना बस स्टैंड पर रूककर टीम ने एंबुलेंस गाड़ी का समय जांचने के लिए मॉक ड्रिल की। कंट्रोल रूम में अनजान बनकर कॉल की और डिलीवरी केस बताकर खेड़ी तलवाना बस स्टैंड के पास एंबुलेंस भेजने के लिए रात 8:56 पर कहा गया। टीम एंबलुेंस गाड़ी का इंतजार वहीं रूककर करने लगी। करीब 11 से 12 मिनट में सेहलंग स्वास्थ्य केंद्र से एंबुलेंस गाड़ी वहां पहुंची। हालांकि इस एंबुलेंस गाड़ी को जांचने पर आक्सीजन नहीं चलने और आक्सीजन नेब्यूलाइजर खराब होने की कमी भी सामने आई। वहीं माधोगढ़ लेबर रूम व प्रसुति वार्ड, रिकार्ड रूम सहित अन्य जगह साफ-सफाई बेहतर भी मिली।
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